सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में उद्योगों को बढ़ावा नहीं मिल रहा है: गर्ग

सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में उद्योगों को बढ़ावा नहीं मिल रहा है: गर्ग

चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष एवं हरियाणा कान्फैड के पूर्व चेयरमैन बजरंग गर्ग ने बुधवार को कहा कि हरियाणा में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कलेक्शन 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से यह साफ सिद्ध हो जाता है कि हरियाणा का व्यापारी और आम जनता ईमानदारी से टैक्स देकर सरकार के खजाने में धन जमा कर रहे हैं। गर्ग ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के हिसाब से उत्तरी भारत में सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी हरियाणा प्रदेश में हुई है, जबकि हरियाणा पूंजी निवेश में काफी पीछे रहा है।

उन्होने कहा कि सरकार की गलत नीतियों से हरियाणा में उद्योगों को बढ़ावा नहीं मिल रहा है। उसके बावजूद भी हरियाणा में जीएसटी में भारी भरकम बढ़ोतरी होने से सरकार को समझना चाहिये कि प्रदेश में व्यापार एवं उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में व्यापार एवं उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार को कारगर कदम उठाने चाहिए।

सरकार ने अपने नौ साल के कार्यकाल में व्यापारी व उद्योगपतियों को किसी प्रकार की रियायत नहीं दी है, उल्टा व्यापारियों पर शिकंजा कसने का काम किया है जिसके कारण प्रदेश का व्यापारी व उद्योगपति में सरकार के प्रति नाराजगी है। सरकार को व्यापारी और उद्योगपतियों पर शिकंजा कसने की बजाएं व्यापार और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ज्यादा से ज्यादा सुविधा देनी चाहिए।

व्यापारी जो भी टैक्स अदा करता है उसका पांच प्रतिशत कमीशन प्रोत्साहन के रूप में सरकार को व्यापारियों को देना चाहिए ताकि व्यापारी खुलकर हरियाणा में व्यापार कर सके। गर्ग ने कहा कि आज हरियाणा में इंस्पेक्टर राज पूरी तरह से हावी है। भ्रष्ट अधिकारी बिना सेवा शुल्क लिए कोई काम नहीं करते हैं। हरियाणा में ऐसा कोई भी सरकारी विभाग नहीं है जहां पर बिना रिश्वत लिए कोई काम होता हो।

सरकार को सबसे पहले व्यापारियों को इंस्पेक्टर राज से मुक्ति दिलाने की जरूरत है। भाजपा सरकार ने जो किसान की सब्जी व फलों पर जो मार्केट फीस लगाई है, उसे हटाया जाये। हरियाणा में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उद्योगपतियों को सस्ती जमीन उपलब्ध करवानी चाहिए और बिजली के बिलों में 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाए और उद्योग लगाने के लिए ज्यादा से ज्यादा एक महीने के अंदर-अंदर सभी सरकारी विभागों में एनओसी देने का नियम बनाना चाहिए। 

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