लखनऊ : स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, विधायक भी ढूंढ़ रहे लैप्रोस्कोपिक उपकरण

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Published By Virendra Pandey
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जांच में पता चला कि उपकरणों की खरीद नहीं हुई 

पंकज द्विवेदी/लखनऊ, अमृत विचार। सूत न कपास जुलाहों में लट्ठम-लट्ठा। यह कहावत ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय (टीबी अस्पताल) के लिए लायी जाने वाली लैप्रोस्कोपिक मशीन को लेकर अस्पताल और लोकबंधु प्रशासन के दावों पर बिल्कुल सटीक बैठती है। अस्पताल प्रशासन ने इस मशीन के लिए भगीरथ प्रयास करने वाले विधायक डॉ. नीरज बोरा को गुमराह करने में कोर-कसर नहीं उठा रखी। उन्हें बता दिया गया कि मशीन इंस्टाल कर दी गई है। जबकि बोरा स्वयं पेशे से चिकित्सक हैं न केवल डाक्टर बल्कि एक अस्पताल तक का लंबे समय से संचालन तक करते आ रहे हैं। 

दरअसल हुआ यूं कि मशीन लाने का दावा किया गया। लेकिन जब अस्पताल में मरीजों की जांच के लिए आई मशीन चिकित्सालय परिसर में मौके पर दिखी नहीं। तो विधायक के समक्ष सवाल उठ गया। अस्पताल प्रशासन ने दावा किया कि जिम्मेदारों ने इस मशीन को लोकबंधु अस्पताल को सौंप दिया है। जैसे ही बात आगे बढ़ी तो लोकबंधु प्रशासन ने विरोध जताते हुए साफ कर दिया कि उनके यहां तो मशीन आई ही नहीं। इस दावे के बाद हड़कंप मच गया कि मशीन गई तो कहां? दोनों अस्पतालों के प्रशासन जब आमने-सामने आ गए तो पता चला कि अभी तो उपकरणों की खरीद ही नहीं हुई है। यानी जो मशीन आई ही नहीं उसे लेकर दो अस्पतालों के ओहदेदार कैसे एक-दूसरे पर दोषारोपण करते रहे। यहां तक कि विधायक डॉ. नीरज बोरा को भी गलत सूचना दे दी गई। जनप्रतिनिधि से यह तक कह दिया गया कि मशीन इंस्टाल तक करा दी गई है। इसका पत्र तक विधायक को भेज दिया गया। जो विधानसभा सत्र के दौरान उठा। उपकरण स्थापित करने के लिए अब दोबारा से कवायद शुरू कर दी गई है। दरअसल ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय उत्तर विधान सभा क्षेत्र में आता है। यहां के स्थानीय विधायक डॉ. नीरज बोरा के प्रयास से अस्पताल में लैप्रोस्कोपिक उपकरण स्थापित करने के लिए शासन से बजट जारी हुआ था। उद्देश्य था कि ये उपकरण स्थापित होने से मरीजों की दूरबीन विधि से सर्जरी हो सकेगी।  

विधायक जांच करने पहुंचे तो किया गुमराह

विधानसभा सत्र में विधायक को उपकरण स्थापित होने का दावा किया गया। गत छह जनवरी को विधायक अस्पताल में जांच करने पहुंच गए। जहां उन्होंने लैप्रोस्कोपिक उपकरणों को देखने की इच्छा जताई। इस पर अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसपी सिंह ने जानकारी दी कि उपकरणों को तत्कालीन डीजी हेल्थ डॉ. दीपा त्यागी ने लोकबंधु अस्पताल में स्थापित करवा दिया है। इतना ही नहीं यहां कार्यरत सर्जन का भी ट्रांसफर कर दिया गया। इस पर विधायक ने नाराजगी जताई। उन्होंने मामले को विधानसभा में उठाने की बात कही। नाराज विधायक ने कहा कि जिम्मेदारों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भी लिखेंगे।

लोकबंधु ने किया इनकार तब हुई जांच

सूत्रों ने बताया कि मामले की जानकारी होने पर लोकबंधु अस्पताल विरोध में आ गया। अस्पताल प्रशासन का कहना था कि उसके यहां जिस मशीन से काम किया जा रहा है वह ठाकुरगंज संयुक्त अस्पताल की नहीं है। जिसके बाद जांच शुरू हुई तो पता चला कि बजट जारी होने के बाद कॉर्पोरेशन से उपकरणों की खरीद ही नहीं हो पाई थी।

अधिकारी बोले

हमारे यहां 2022 में हमीरपुर से लाई गई मशीन लगी है। ठाकुरगंज अस्पताल से मशीन आने की बात गलत है। 
-डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी,अधीक्षक, लोकबंधु अस्पताल

विधायक जी जब निरीक्षण में आए थे उस समय उनके दो-तीन सवाल थे। हमने डॉक्टर का ट्रांसफर होने की बात कही थी, मशीन को लोकबंधु भेजने की बात गलत है। मशीन खरीदी ही नहीं गई थी। अब दोबारा से शासन को पत्र लिखा गया है। डॉ. एसपी सिंह, सीएमएस ठाकुरगंज संयुक्त चिकित्सालय

क्या कहते हैं विधायक

हमें विधानसभा में मशीन की खरीद होने की जानकारी दी गई थी। जिसका लिखित पत्र भी है। साथ ही अस्पताल में भी यही बताया गया कि यहां की मशीन लोकबंधु शिफ्ट कर दी गई है। इस संबंध में हमने उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को भी पत्र लिखा है। डॉ. नीरज बोरा, विधायक

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