बरेली: सरकारी अस्पताल पर भरोसा, एक साल में गूंजीं 4700 किलकारियां

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Published By Moazzam Beg
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अंकित चौहान, बरेली, अमृत विचार। महिलाएं सुरक्षित और संस्थागत प्रसव के लिए सरकारी अस्पतालों पर भरोसा जता रही हैं। हर रोज बड़ी संख्या में महिलाएं जांच और प्रसव के लिए पहुंच रही हैं। इस बदली तस्वीर के पीछे स्वास्थ्य विभाग के संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रयास और सुविधाएं हैं। यहां प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य टीम के पर्यवेक्षण में महिलाओं का प्रसव होता है।

इन प्रयासों के चलते वर्ष 2023 में जिला महिला अस्पताल में करीब 5 हजार किलकारियां गूंजीं। साथ ही सरकारी अस्पताल में प्रसव कराने पर उन्हें सरकारी योजना का भी लाभ मिला है। निजी अस्पतालों पर अक्सर भ्रमित कर सिजेरियन प्रसव कराने के आरोप लगते हैं लेकिन यहां सिजेरियन की तुलना में सामान्य प्रसव की संख्या काफी अधिक है।

पूरे वर्ष में हुए प्रसव
जिला महिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार पूरे वर्ष में 4755 कुल प्रसव हुए हैं, इसमें सिजेरियन प्रसव की संख्या 1462 है वहीं सामान्य प्रसवों की संख्या कई गुना अधिक 3293 है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार शासन की ओर से संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने का आदेश दिया गया है इसके अनुपालन में अस्पताल की ओपीडी में आने वाली गर्भवती महिलाओं को यहां मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी के साथ प्रसव कराने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

सितंबर में हुए सबसे अधिक प्रसव
हर माह अस्पताल में 400 से अधिक प्रसव हो रहे हैं। सितंबर में सबसे अधिक 555 प्रसव हुए इसमें 169 सिजेरियन और 386 सामान्य प्रसव शामिल हैं।

अस्पताल में होने वाले प्रसव प्रशिक्षित स्टाफ के कुशल नेतृत्व में होते हैं। सभी सुविधाएं नि:शुल्क हैं। वहीं शासन की योजना का लाभ भी मरीजों को मिलता है। अपील है कि जिला महिला अस्पताल में ही प्रसव कराएं।-डॉ. त्रिभुवन प्रसाद, सीएमएस, जिला महिला अस्पताल।

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