पीलीभीत: 20 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ा गन्ना मूल्य, किसान नेता नाखुश, बोले- भद्दा मजाक
फोटो- गन्ने की छिलाई करता किसान।
पीलीभीत, अमृत विचार: प्रदेश की योगी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले गन्ना किसानों को गुरुवार को कुछ राहत दी है। पेराई सत्र 2023-24 के लिए गन्ना मूल्य में 20 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बढ़ोतरी की गई है। गन्ने की अगेती प्रजातियों के दाम 350 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 370 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। हालांकि जिले के किसान नेता इस फैसले से नाखुश है। उनका कहना है कि सरकार मात्र 20 रुपये की बढ़ोत्तरी कर किसानों के साथ मजाक रही है।
जनपद में हर साल एक लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर गन्ने की पैदावार की जाती है। गन्ना फसल की पैदावार में बढ़ती लागत को देखते हुए किसान संगठन 450 रुपये प्रति क्विंटल करते आ रहे थे। इधर गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग गन्ना मूल्य 20 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने का फैसला लिया गया।
इससे जिले के जनपद में 2.26 लाख गन्ना किसान लाभाविंत होंगे। सामान्य प्रजाति का गन्ना मूल्य 340 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 360 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है जबकि अगेती प्रजाति का गन्ना मूल्य 350 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 370 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है।
वहीं, अनुपयुक्त प्रजाति का गन्ना मूल्य गत वर्ष 335 रुपये प्रति क्विंटल था, जिसे बढ़ाकर 355 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। इसे पूर्व प्रदेश सरकार ने वर्ष 2021 में गन्ने का मूल्य 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी की थी। जिला गन्ना अधिकारी खुशीराम भार्गव के मुताबिक गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी से किसानों को 16 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का फायदा होगा।
उधर, गन्ना फसल की पैदावार में बढ़ती लागत को देखते हुए किसान नेता गन्ने का मूल्य 450 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बढ़ाने की मांग करते आ रहे हैं। जिले के किसान नेताओं का कहना था कि कोल्हुओं पर भी 400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ने की खरीदारी हो रही है। सरकार को फसलों की लागत और महंगाई को देखते हुए गन्ना मूल्य कम से कम 450 रुपए प्रति क्विंटल घोषित करना चाहिए था।
सरकार ने केवल 20 रुपये गन्ना मूल्य बढ़ाकर किसानों के साथ भद्दा मजाक किया है। खाद, पेस्टीसाइड्स, डीजल, मजदूरी आदि में बेतहाशा वृद्धि होने के कारण गन्ना पैदा करने में किसानों की लागत बढ़ गई है। इन सब को देखते हुए गन्ने का मूल्य 450 रुपये सरकार को घोषित करना चाहिए--- मंजीत सिंह, जिलाध्यक्ष, भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक।
पिछले तीन पेराई सत्रों से सरकार ने गन्ना मूल्य में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। इस बार गन्ना किसानों को 450 रुपये गन्ना मूल्य बढ़ने की उम्मीद थीं, लेकिन सरकार ने केवल 20 गन्ना मूल्य बढ़ाया है यह किसानों के साथ अन्याय है--- लेखराज, किसान।
गन्ना किसानों की परेशानियों को देखते हुए सरकार को गन्ना मूल्य लागत के हिसाब से बढ़ाना चाहिए था, लेकिन इस बार भी गन्ना किसानों को मायूसी ही हाथ लगी। अब तो लागत भी निकालना मुश्किल हो रहा है--- रामअवतार, किसान।
बढ़ती मंहगाई और लागत को देखते हुए अब गन्ना पैदा करना मुश्किल होता जा रहा है। सरकार को किसानों की समस्या को देखते हुए गन्ने के दाम बढ़ाने चाहिए थे, ताकि गन्ना किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सके--- जसवंत सिंह, किसान।
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