बरेली: रासायनिक उर्वरक का कम इस्तेमाल करने में जिला प्रदेश में सातवें स्थान पर, मुरादाबाद पहले तो चंदौली दूसरे पायदान पर
बरेली, अमृत विचार : सरकार कृषि में रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल को कम कर जैविक खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। शासन और प्रशासन के प्रयास से सकारात्मक नतीजे सामने आने लगे हैं। आंकड़ों के अनुसार उर्वरक की कम खपत के मामले में प्रदेश में जिला सातवें स्थान पर है, जबकि मुरादाबाद पहले और चंदौली दूसरे पायदान पर है। बीते वर्ष तय लक्ष्य के मुकाबले जिले में 1878 मीट्रिक टन यूरिया की खपत घटी है।
जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी के मुताबिक पीएम-प्रणाम योजना के तहत पिछले तीन वर्षों से रासायनिक उर्वरक (यूरिया, डीएपी, एनपीके, एमओपी) की खपत में कमी के प्रयास किए जा रहे हैं। इन तीन वर्षों में जिले में 2.5 प्रतिशत रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग किसानों ने कम किया।
यूरिया की खपत का लक्ष्य जनपद में 15 जनवरी 2023 से 15 जनवरी 2024 तक 1, 39, 657 मीट्रिक टन था, इसमें इस्तेमाल सिर्फ 1,37,739 मीट्रिक टन हुआ, जो लक्ष्य के सापेक्ष 1878 एमटी कम है। इससे सरकार की सब्सिडी और किसानों की करोड़ों रुपये की बचत हुई है।
किस जिले में कितनी हुई यूरिया की खपत: मुरादाबाद में 101768 एमटी लक्ष्य के सापेक्ष 94,475, चंदौली में 48,916 एमटी के सापेक्ष 41,709, अमरोहा में 89,320 एमटी के सापेक्ष 85,180, बहराइच में 98,410 एमटी के सापेक्ष 95,856, लखनऊ में 46,950 एमटी के सापेक्ष 44699, वाराणसी में 41,529 एमटी के सापेक्ष 39,343 मीट्रिक टन यूरिया की खपत हुई।
किसानों में जागरूकता से मिल रही सफलता: जिला कृषि अधिकारी धीरेंद्र चौधरी ने बताया कि रासायनिक उर्वरक का कम इस्तेमाल के लिए किसानों को लगातार जागरूक किया जा रहा है। इस दिशा में पीएम प्रणाम योजना, नमामि गंगे के माध्यम से प्रयास किए जा रहे हैं। इससे रासायनिक उर्वरकों, यूरिया के प्रयोग में कमी आई है। हम नैनो यूरिया और ड्रोन से छिड़काव पर जोर दे रहे हैं।
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