बाराबंकी: कलयुग में सतयुग आने जैसा है, अयोध्या में भगवान राम का आना

अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा पर बोले राम का किरदार निभाने वाले रामभक्त

बाराबंकी: कलयुग में सतयुग आने जैसा है, अयोध्या में भगवान राम का आना

बाराबंकी। अयोध्या में भगवान श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर तैयारियां जोरों पर है। 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होगी। 500 साल के इंतजार के बाद राम लला अपने महल में विराजित होंगे, जिसे लेकर हर तरफ खुशी का माहौल है। हर राम भक्त को इस दिन का बेसब्री से इंतजार है। रामलीला में कई सालों तक भगवान राम, लक्ष्मण का किरदार निभा चुके रामभक्त तो इस कदर प्रफुल्लित हैं उनकी ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं है।

आज भी इनके दिल और दिमाग़ में भगवान राम का एक-एक प्रसंग और भगवान का जीवन चरित्र बखूबी याद है। अब राममंदिर बनने पर यह सभी कह रहे हैं की अयोध्या में भगवान का दोबारा अपने घर आना कलयुग में सतयुग आने जैसा प्रतीत हो रहा है।

राम का किरदार निभाना सौभाग्य

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वर्ष 1977, 78 और सन 1979 में रामलीला में भगवान राम का किरदार निभा चुके फतेहपुर क़स्बा निवासी विमलेश चंद्र मिश्र बताते हैँ की 500 साल के बाद रामलला अयोध्या वापस अपने घर आ रहे हैं। इसे लेकर मन बहुत प्रसन्न हैं, 22 तारीख को घर में दीपावली मनायंगे और लड्डू बाटेंगे। सालों पहले कस्बे की रामलीला में राम का किरदार निभाना सौभाग्य का बात है।

पूरी हुई मंशा, मन प्रफुल्लित

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वर्ष 1973 से 1979 तक राम और लक्ष्मण का किरदार निभाने वाले जय प्रकाश मिहिर ने बताया की राम मंदिर बनना और प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन देखना ऐसा लग रहा है की मानो कलयुग में सतयुग आने जैसा हो। हमेशा यही प्रार्थना करता था की जीवन में राम मंदिर बने और भगवान को उसमे देखू, आज मंशा पूरी हुई हैं। 

वाकई समय बड़ा बलवान

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फतेहपुर कस्बे की रामलीला में 1992 में भगवान राम का किरदार निभाने वाले लव कुमार पाठक ने बताया कि यह समय ही है जब भगवान 500 वर्ष बाद आज अपने महल में वापस लौट रहे हैं। किरदार के समय मन से यही आर्शीवाद मांगता था कि रामलला अपने घर आएं और पूरा रामभक्तों को वह दर्शन दें। मनोकामना पूरी हुई।

मनाएंगे दिवाली, फोड़ेंगे पटाखें

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भगवान राम के छोटे भाई वास्तविक रुप से भी लव पाठक के भाई कुश पाठक ने बताया कि वह भी लक्ष्मण का किरदार निभाते थे। आज मंदिर बनने और वहां राम दरबार का प्राण-प्रतिष्ठा होने से इतनी खुशी है कि बता नहीं सकता। 22 को दिवाली मनाएंगे और पटाखें फोड़ेंगे। यकीन नहीं होता था कि जीवन में राम मंदिर का सपना पूरा होगा। जय श्री राम।

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