बरेली: कुतुबखाना पुल...ठेकेदार को जुर्माने का डर, मजदूरों की जिंदगी दांव पर

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Published By Vishal Singh
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पीडब्ल्यूडी मंत्री की चेतावनी के बाद सुरक्षा मानकों को अनदेखा कर अंधाधुंध ढंग से कराया जा रहा है काम

बरेली, अमृत विचार। जनप्रतिनिधियों को चुनाव से पहले कुतुबखाना पुल का उद्घाटन करना है। इसी कारण पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद चेतावनी दे चुके हैं कि 30 जनवरी तक पुल का निर्माण पूरा न हुआ तो न अफसरों को छोड़ेंगे न ठेकेदार को।

नतीजा यह है कि सुरक्षा मानकों की परवाह किए बगैर मजदूरों को अंधाधुंध ढंग से निर्माण में झोंक दिया गया है। बुधवार को साफ नजर आया कि जुर्माने और मंत्री की चेतावनी का इस कदर डर है कि मजदूरों की जिंदगी तक की परवाह नहीं की जा रही है।

बृहस्पतिवार को निर्माणाधीन पुल पर जोखिम भरा काम करने के बावजूद ज्यादातर मजदूर हेलमेट नहीं लगाए हुए थे। पुल पर लटककर शटरिंग लगाने जैसा खतरनाक काम करते वक्त भी सेफ्टी बेल्ट भी नहीं बंधी थी। नीचे व्यापारियों ने उन्हें खतरा उठाकर शटरिंग की प्लेट लगाते देखा तो दहल गए। उन्होंने मजदूरों को ऐसा करने से मना किया लेकिन वे वैसे ही काम करते रहे। 

व्यापारियों के मुताबिक पीडब्ल्यूडी मंत्री की चेतावनी के बाद ठेकेदार ने काम तेज करने के लिए मजदूरों की संख्या बढ़ा दी है, साथ ही सुरक्षा नियमों को भी ताक पर रख दिया है, जबकि ऐसी ही अंधाधुंध तेजी के कारण हुए हादसे में एक मजदूर और ठेकेदार की जान जा चुकी है।

सेतु निगम के डीपीएम अरुण गुप्ता ने बताया कि कुतुबखाना पुल 15 फरवरी तक तैयार हो जाएगा। उनकी ओर से ठेकेदार को सुरक्षा मानकों के पालन की कई बार हिदायत दी जा चुकी है। फिर भी लापरवाही बरती जा रही है तो जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी।

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