शाहजहांपुर: रोड नहीं तो वोट नहीं, ग्रामीणों ने बैनर लगाकर किया प्रदर्शन, पथरीली है डगरिया, जरा संभल कर चलें भैया

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Published By Om Parkash chaubey
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शाहजहांपुर/खुटार,अमृत विचार: क्षेत्र के गांव राठ में जर्जर सड़क को लेकर ग्रामीणों में गुस्सा है। रविवार को ग्रामीणों ने गांव के बाहर मुख्य मार्ग पर बैनर टांग दिया, जिसमें 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर लिखा गया है कि रोड नहीं तो वोट नहीं। इसी के साथ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन भी किया। इसके साथ ही सड़क से गुजरने वाले लोगों को यह कहकर जागरूक किया कि "पथरीली है डगरिया, जरा संभल कर चले भैया।

ग्राम पंचायत राठ कुंभिया माफी के ग्रामीणों का कहना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में वोट नहीं देंगे। कारण है कई वर्षो से लिंक मार्क से जुड़ी सड़क की हालत खस्ताहाल हो गई है। इस मार्ग से गुजरने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद सड़क को बनवाने के लिए किसी जिम्मेदारों ने ध्यान नहीं दिया है।

ग्रामीणों ने बताया कि इस मार्ग पर पत्थर, ईंटो और पुलिया टूटकर गहरे गड्डों में तब्दील हो गई है। जो आये दिन दुर्घटनाओं का कारण बनती है। रास्ते से गुजरने वाले लोग चोटिल भी हुए। तो वहीं, अगर दिन या रात में किसी भी समय घर का सदस्य बीमार हो जाता है तो उसे जल्दी अस्पताल ले जाने में काफी समय व्यतीत होता है। ऐसे में यह पथरीली डगर किसी मुसीबत से काम नहीं है।

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रविवार को तमाम ग्रामीण एकत्र होकर मुख्य मार्ग पर टंगे चुनाव बहिष्कार का बैनर तले प्रदर्शन किया। इसके साथ ही विधायक, सांसद पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि सड़क नहीं बनी तो लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर वोट नहीं डालने जाएंगे। प्रदर्शन में सुनील शर्मा, कमलेश, राजेंद्र प्रसाद, सुरेंद्र, अंकित, रामखिलावन, रवींद्र वर्मा, राजाराम, ऋषभ, रामेश्वर, छंगा, अजय पाल आदि लोग मौजूद रहे।

2017 में सड़क की कराई गई थी मरम्मत, गड्ढा मुक्त घोषित: ग्रामीणों के अनुसार, 2017 में विधानसभा चुनाव में चुनाव का बहिष्कार किया था। उस वक्त अधिकारी गांव पहुंचे थे और वोट डालने की अपील की थी। मांग रखी गई थी कि चुनाव के बाद सड़क बनाई जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर इस सड़क की मरम्मत कराई गई और गड्ढा मुक्त घोषित कर दिया गया था। लेकिन यहां गड्ढा मुक्त मार्ग पर ईंट, पत्थर और गहरे गड्ढो के अलावा कुछ नहीं है।

छह किलोमीटर का सफर कठिन, गन्ने भरे वाहन से हादसे की आशंका: ग्रामीणों के मुताबिक, यह मार्ग जर्जर हालत में पहुंच गया है। करीब छह किमी. का यह सफर बड़ा कठिन है। इस उबड़ खाबड़ रास्ते से गन्ना भरे ट्रक, ट्रैक्टर ट्राली आदि सामान भरकर वाहन गुजरते है। सिंगल रोड के चलते वाहनों से लोगों को हादसे की आशंका जताती रहती है।

इसके साथ ही रायपुर पटियात, राठ, अठकोना, महेशापुर, बरबटपुर, रसवां कलां, गेंहुआ, कुंभिया माफी और खीरी के गांव के लोग इस मार्ग से जाने के दौरान परेशानी का सामना करते हैं। रात के समय वाहन बिगड़ने की संभावना और खतरा रहता है।

बारिश से दलदल और तालाब में तब्दील हो जाता है यह मार्ग: ग्रामीणों ने बताया कि यह मार्ग बारिश के समय दलदल और तालाब में तब्दील हो जाता है। उस वक्त इस रास्ते से गुजरना बहुत कठिन होता है। सड़क पर गहरे गड्ढो का अंदाजा नहीं लग पाता और बाइक सवार गिरकर चोटिल हो जाते है। जबकि चार पहिया वाहन और ट्रक फंस जाते है। इस मार्ग पर ईंट, पत्थर और मिट्टी है। जो परेशानी का सामना करना पड़ता है।

चुनाव के बाद सांसद और विधायक गायब: ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के समय जनप्रतिनिधि समस्याओं का निपटारा करने के लिए वादे करते है। चाहे लोकसभा चुनाव या फिर विधानसभा चुनाव। विकास कार्य कराने को जनप्रतिनिधि घर-घर वोट मांगने जाते है और वोट डालने के लिए अपने पक्ष में अपील करते है। चुनाव जीत जाने के बाद वादे किए गए कार्यों को भूल जाते हैं। फिर से पांच साल बाद चुनाव आता है। तो वही कहानी दोहराकर वोट लेने का प्रयास करते है। यही हाल कि चुनाव में जीत हासिल के बाद भी विधायक, सांसद देखने तक नहीं आये है।

जर्जर मार्गो की मरम्मत का प्रस्ताव भेजा गया है, प्रदर्शन करने का कोई औचित्य नहीं है,वह खुद लोगों की समस्याओं के प्रति चिंतित हैं। प्रस्ताव पास होते ही सभी जर्जर मांगों पर मरम्मत कार्य होगा।- चेतराम, विधायक

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