बहराइच: दुष्कर्म के प्रयास के चार आरोपियों को पांच-पांच साल का कारावास, पीड़िता को 10 साल बाद मिला न्याय
बहराइच, अमृत विचार। थाना कोतवाली नानपारा निवासी चार अभियुक्तों को विशेष न्यायाधीश पाक्सो ने दुष्कर्म के प्रयास में दोषसिद्ध किया गया है। विशेष न्यायाधीश ने दस वर्ष बाद बिटिया को इंसाफ दिलाते हुए चारों अभियुक्तों को पांच-पांच साल के कारावास की सजा सुनाते हुए सभी पर 50/50 हजार रूपये के अर्थदंड से दंडित भी किया है। अर्थदंड की धनराशि अदा न करने पर सभी को छह-छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
दीवानी न्यायालय के विशेष शासकीय अधिवक्ता संतप्रताप सिंह व विशेष लोक अभियोजक संतोष सिंह ने बताया कि कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने अपनी नाबालिग बिटिया के साथ छेड़छाड़ व दुष्कर्म करने के प्रयास में सीओ नानपारा को 14 जून 2014 को लिखित पत्र सौंपा था।
पत्र में पीड़िता की मां ने कहा था कि 12 जून 2014 को उसकी नाबालिग बिटिया लकड़ी लेने अपने अहाता गई थी। इसी दौरान कोतवाली नानपारा के मझौवा भुलौरा गांव निवासी कचनू, बाबू, मतीन व नफीस अहाते में जबरन घुसकर बिटिया से अश्लील हरकत करते हुए जबरन दुष्कर्म करने का प्रयास किया था।
बिटिया के शोर मचाने के बाद परिवार के लोग आहाते में पंहुच गए। जिससे सभी धमकी देते हुए मौके से भाग खड़े हुए। सीओ नानपारा के निर्देश पर नानपारा कोतवाली की पुलिस ने सुंसगत धाराओं में मुकदमा दर्ज अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। शासकीय अधिवक्ताओं ने बताया कि मंगलवार को विशेष न्यायाधीश पाक्सो वरूण माहित निगम ने मुकदमें अपना फैसला सुनाते हुए चारों अभियुक्तों को दोषसिद्ध करते हुए पांच-पांच वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ताओं ने बताया कि कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को 50/50 हजार के अर्थदंड से दंडित कर अर्थदंड की धनराशि पीड़िता चिकित्सा व्यवस्था व पुर्नवास की पूर्ति के लिए देने के निर्देश दिए है। इसके अलावा विशेष न्यायाधीश की कोर्ट ने पीड़िता को प्रतिकर की धनराशि पीड़िता को उपलब्ध कराने के लिए विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आदेश की कापी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए है।
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