एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को किया बरी, शिष्या से दुष्कर्म का था आरोप

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Published By Vikas Babu
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शाहजहांपुर, अमृत विचार। एमपी-एमएलए कोर्ट ने शिष्या को मुमुक्षु आश्रम में बंधक बनाकर दुष्कर्म करने के आरोप से आश्रम के अधिष्ठाता व पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को बाइज्जत बरी कर दिया है। साल 2011 में चिन्मयानंद पर शिष्या को आश्रम में बंधक बनाकर कई बार रेप करने का आरोप लगा था। गुरुवार को मामले की सुनवाई के बाद उन्हें दोषमुक्त करार दिया गया।

30 नवम्बर 2011 को स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ उनकी शिष्या ने चौक कोतवाली में दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। शिष्या का आरोप था कि उन्होंने अपने कर्मचारियों आदि की मदद से मुमुधु आश्रम शाहजहांपुर में उसे बंधक बनाकर कई बार दुष्कर्म किया।

उस समय यह प्रकरण सामाजिक व राजनीतिक गालियारों में काफी चर्चा का विषय रहा था। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने विवेचना के बाद स्वामी चिन्मयानन्द के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र भेज दिया था। जिसके बाद से मुकदमा विचाराधीन था।

मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष व बचाव पक्ष के वकीलों ने अपनी दलीलें दीं और गवाह पेश किए। दोनों पक्षों को सुनने के बाद गुरुवार को न्यायाधीश एहसान हुसैन ने फैसला देते हुए स्वामी चिनमयानंद को सभी आरोपों से दोषमुक्त करार दिया और बाइज्जत बरी कर दिया।

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