UP: विधानसभा में उठा जेके कैंसर को रीजनल इंस्टीट्यूट बनाने का मुद्दा, विधायक अमिताभ बाजपेयी ने कही ये बात...

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Published By Nitesh Mishra
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विधानसभा में उठा जेके कैंसर को रीजनल इंस्टीट्यूट बनाने का मुद्दा

कानपुर, अमृत विचार। जेके कैंसर संस्थान की बदहाली का मुद्दा एक बार फिर से विधानसभा में गरमा गया। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी से जेके कैंसर संस्थान में जो व्यवस्था नहीं है, उसकी सूची पत्र के माध्यम से देने को कहा।

इसके साथ ही काकादेव के एक व्यक्ति ने जेके कैंसर संस्थान को रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट बनाने की मांग की, जिसकी याचिका सपा विधायक ने सदन में उपस्थित की। 

रावतपुर स्थित जेके कैंसर संस्थान प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा संस्थान है। लेकिन यहां की स्वास्थ्य सुविधाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में यहां पर कई महत्वपूर्ण जांचें नहीं होने से कैंसर रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

20 नवंबर 2023 को विधानसभा की समिति और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने संस्थान का निरीक्षण किया था, जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना भी शामिल थे।

विधानसभा अध्यक्ष ने समिति के सदस्यों और स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ बैठक में नया कैंसर इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट बनने के विषय में चर्चा की थी।

साथ ही यह संस्थान प्रदेश का सबसे अच्छा संस्थान कैसे हो सकता है, इस पर भी समिति के सदस्यों व शासन के अधिकारियों ने सुझाव दिए थे। लेकिन इसके बावजूद यूपी के बजट में संस्थान को सिर्फ अनुरक्षण कार्य के लिए ही बजट मिला है।

इस संबंध में काकादेव निवासी नीरज सिंह ने सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी को जेके कैंसर संस्थान को रीजनल कैंसर इंस्टीट्यूट में बदलने के संबंध में याचिका दी थी। 

संस्थान में नहीं यह व्यवस्थाएं 

सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने सदन में कहा कि जेके कैंसर संस्थान में कैंसर की जांच में सहायक पैट मशीन स्कैन की सुविधा नहीं है। यहां बायोप्सी तक नहीं की जाती है। संस्थान में सर्जन और ऑपरेशन थिएटर हैं, लेकिन बीते एक साल में एक भी सर्जरी नहीं की गई है।

पैथोलॉजी है, लेकिन उसके संचालन के लिए पैथोलॉजिस्ट की तैनाती नहीं है। लीनियर एक्सीलेटर की मशीन की भी सुविधा नहीं है। मरीजों को खून जांच कराने के लिए संस्थान से दूसरे अस्पताल जाना पड़ता है।

कार्डियोलॉजी में है दलाल राज  

विधानसभा में समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद हसन रूमी ने कार्डियोलॉजी में दलाल राज का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मरीज इलाज के लिए जनप्रतिनिधियों के पास आते है।

जनप्रतिनिधि अपने लेटरपैड पर बीमार मरीज की मदद के लिए कार्डियोलॉजी संस्थान के निदेशक को संस्तुति करते हैं, लेकिन वह लेटर उन तक नहीं पहुंच पाता है और संस्थान में मौजूद दलाल घेरकर मरीजों का पर्चा व लेटरपैड छीनने लगते हैं और कहते हैं कि सरकारी स्टंट डलवाओगे तो जिम्मेदारी तुम्हारी होगी कि बचोगे या नहीं।

दलाल मरीजों को लुटने, डराने व धमकाने का काम करते हैं। कार्डियोलॉजी, जेके कैंसर संस्थान, मुरारी लाल चेस्ट अस्पताल, हैलट, उर्सला, डफरिन व केपीएम में ऐसे दलालों पर रोक लगना जरूरी है। विधायक ने कहा कि सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीजों के इलाज की व्यवस्था की जाए। 

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