Kanpur: खड़खड़े व ई-रिक्शों से बर्बाद हुई हालसी रोड व नई सड़क; तमाम प्रयासों के बाद भी रोजाना लगता भीषण जाम...

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। घंटाघर, हालसी रोड, नई सड़क से परेड जाने वाली रोड व्यापार के दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। सड़क पर कपड़ा, गल्ला, वनस्पति, लोहा करोबार आदि की करीब दो से ढाई हजार दुकानें हैं, जिनसे करोड़ों का रोजाना कारोबार होता है। लेकिन सुविधा के नाम पर बाजार में कुछ भी नहीं दिखता है। गल्ला मंडी में शौचालय की दुर्गंध से कारोबारी मुंह पर रूमाल रख कर व्यापार करने को मजबूर हैं। वहीं हालसी रोड से नई सड़क तक ई-रिक्शा व खड़खड़े वालों की अराजकता से फुटकर व्यापारी थोक बाजार में आने से मुंह मोड़ रहे हैं। 

फोटो ट्रैफिक

हालसी रोड से परेड चौराहा तक करीब दो किलोमीटर लंबी व करीब 60 फिट चौड़ी सड़क दिन भर जाम की समस्या से घिरी रहती है। घंटाघर से बादशाहीनाका, मूलगंज तक जाम का प्रमुख कारण सड़कों तक फैला अतिक्रमण है। दुकानों के बाहर आधी सड़क तक खड़खड़ा खड़े होकर माल लोड व अनलोड किया जाता है। रही बची कसर ई-रिक्शा पूरी कर देते हैं। घंटाघर चौराहा पर होमगार्ड व ट्रैफिक सिपाही खड़े रहते हैं, लेकिन ई-रिक्शा चालक पूरी सड़क पर बेतरतीब तरह से वाहनों को खड़ा कर सवारियां भरा करते हैं। 

ट्रैफिक 3

ट्रैफिक पुलिस ने बाजार में अतिक्रमण अभियान चलाकर तीन फिट तक फुटपाथ घेरने के निर्देश दिए हैं, लेकिन दुकानदारों का सामान सड़कों तक फैला रहता है। मूलगंज चौराहे से परेड तक की सड़क पर कई जगहों पर बड़े-बड़े गड्ढे व कूड़े के ढेर हैं। व्यापारियों ने बताया कि ढाई किलोमीटर की इस सड़क पर गल्ला कारोबारियों की करीब 500 दुकानें हैं जिनका रोजाना का व्यापापर करीब ढाई करोड़, वनस्पति घी, तेल का कारोबार 50 लाख, सेनेटरी, पेंट, बांट, कांटा का प्रतिदिन 50 लाख का कारोबार है। 

वहीं कपड़ा बाजार में करीब 500 से अधिक दुकानें हैं, जहां से प्रदेश भर में कपड़े का कारोबार किया जाता है। जिनका रोजाना का व्यापार करीब 25 करोड़ का है। व्यापारी टैक्स तो दे रहे है, लेकिन उनको सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही है। बाजार में सबसे बड़ी समस्या जाम की है, जिस कारण व्यापार आधा हो गया है। बाहर से आने वाले छोटे व्यापारियों ने जाम व पार्किंग के कारण बाजार आना छोड़ दिया है। 

कट बंद होने से व्यापार हो रहा प्रभावित

व्यापारियों के मुताबिक ट्रैफिक पुलिस ने जाम से निजात के लिए चौराहों व कटों को कंक्रीट की बेरीकेडिंग लगाकर बंद कर दिया है, लेकिन जाम की समस्या जस की तस है। वहीं कट बंद होने से व्यापार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है। व्यापारियों के मुताबिक कट बंद होने से शक्कर पट्टी से घूम कर घंटाघर होकर आना पड़ता है। मांग है कि चौराहों से ट्रायल के रूप में बेरीकेडिंग को हटा दिया जाए।

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