Kanpur: माघ पूर्णिमा पर हजारों श्रद्धालुओं ने किया गंगा स्नान; पितृ दान करके भगवान विष्णु से लिया आशीर्वाद...
कानपुर, अमृत विचार। माघ पूर्णिमा पर शनिवार को गंगा घाटों पर आस्था का सैलाब दिखा। हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई, फिर दानकर पुण्य लाभ कमाया। सूर्य को अर्घ्य दिया, गुरु के दर्शन कर आशीर्वाद लिया। मंदिरों में पूजन कर माथा टेका। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस फोर्स भी तैनात रहा।
माघ पूर्णिमा पर गंगा में डुबकी लगाने की मान्यता है। इसी कारण शनिवार भोर पहर से ही श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया था। नगर के गंगा बैराज, भौरोघाट, सरसैया घाट, भगवत घाट समेत अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाई, फिर वहीं खड़े होकर सूर्य देव को अर्घ्य दिया। श्रद्धालुओं ने घाटों पर बैठकर पूजन करने के बाद दान कर पुण्य कमाया। घाटों पर मंदिरों में पूजन किया और संतो-पुजारियों का आशीर्वाद लिया।
भरकर ले गए गंगाजल
गंगा स्नान के बाद श्रद्धालु गंगाजल भी भरकर घर ले गए। श्रद्धालुओं ने बताया कि घरों में पूजा के दौरान गंगाजल की जरूरत पड़ती है। आज के दिन गंगाजल भरकर ले जाने का अलग ही महत्व है। कई श्रद्धालुओं ने बताया कि घर से कोई पात्र नहीं लाए थे। घाट पहुंचने पर गंगाजल ले जाने की इच्छा हुई। अच्छा हुआ कि घाटों पर दुकानों में एक से लेकर पांच लीटर तक के डिब्बे मिल गए। वहीं दुकानदारों ने भी जमकर मुनाफा कमाया। 50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक के डिब्बे बेचे।
मेले में बच्चों ने की खरीदारी
सरसैया घाट, भगवत घाट पर एक दिन पहले ही दुकानें लग गईं थीं। पूजापाठ की सामग्री के साथ बच्चों के खिलौने दुकानों पर सजे थे। शनिवार को गंगा स्नान के बाद लोगों ने मेले में खरीदारी की। बड़ों ने पूजापाठ, जरूरत का सामान खरीदा तो वहीं बच्चों ने खिलौने, गुब्बारे खरीदकर आंनद उठाया। वहीं समोसा, टिकिया के ठेलों पर भी भीड़ रही।
पितृ दान और तर्पण किया
माघी पूर्णिमा पर पितृ दान और तर्पण का भी महत्व है। आचार्यों के अनुसार माघ माह की पूर्णिमा को चंद्रमा मघा नक्षत्र में रहता है। यह पितरों का नक्षत्र माना गया है। इसी कारण इस दिन पितरों का तर्पण भी किया जाता है। माघी पूर्णिमा पर तर्पण करने से पितृ तृप्त हो जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार महाभारत युद्ध के बाद युधिष्ठिर ने अपने परिजनों की तृप्ति के लिए माघ में कल्पवास किया था और पितरों का श्राद्ध किया था। शनिवार को शुक्लागंज पुल के नीचे घाट पर काफी लोगों ने तर्पण किया।
मंदिरों में विष्णु पूजा कर किया दान
गंगा स्नान के साथ श्रद्धालुओं ने उपवास भी रखा। सुख-सौभाग्य, धन-संतान की इच्छा से मंदिरों में जाकर विष्णु की पूजा की। ब्राह्मणों को भोजन कराकर कपड़े, तिल, गुड़, घी, फल आदि दान दिए। गंगा स्नान कर लोगों ने रोगों से मुक्ति मांगी। सूर्य को अर्घ्य देकर दोषों से छुटकारा मांगा। आज के दिन विष्णु पूजा व उपवास से पाप दूर होते हैं।
