मुख्तार अंसारी को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सजा, MP-MLA कोर्ट ने दिया फैसला 

Amrit Vichar Network
Published By Jagat Mishra
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वाराणसी, अमृत विचार। मुख्तार अंसारी को वाराणसी की एमपी-एमएलए कोर्ट ने बुधवार को फर्जी शस्त्र लाइसेंस मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई है। गौरतलब है कि मंगलवार को इस मामले में अदालत ने मुख्तार को दोषी ठहराया है। इससे पहले मुख़्तार अंसारी को अवधेश राय हत्याकांड में भी उम्र कैद की सजा सुनाई जा चुकी है। बताया जा रहा है कि जिस केस में मुख्तार को सजा सुनाई गई है उस अपराध के समय उसकी उम्र तकरीबन 22 साल की थी। 

योगी सरकार द्वारा की जा रही प्रभावी पैरवी के कारण माफिया मुख्तार अंसारी को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है। तीन दशक पुराने मामले में मुख्तार अंसारी के दोषी पाये जाने के बाद बुधवार को उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही कोर्ट ने उसपर 2 लाख 2 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। अंसारी को दूसरी बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अबतक आठ मामलों में माफिया को सजा सुनाई जा चुकी है। 

अपर सत्र न्यायाधीश एवं विशेष न्यायाधीश एमपी/एमएलए कोर्ट वाराणसी, अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार अंसारी को डीएम/एसपी के फर्जी हस्ताक्षर पर शस्त्र लाइसेंस लेने के मामले में सजा सुनाई है। 1990 में थाना मोहम्मदाबाद गाजीपुर में दर्ज तीन और कोतवाली गाजीपुर में दर्ज एक मामले में हुई सुनवाई और प्रभावी पैरवी के बाद चारों धाराओं में अलग अलग सजा सुनाई गई है। इसमें 420/120 बी आईपीसी में सात साल, 467/120 बी आईपीसी में आजीवन कारावास, 468/120 बी में 7 वर्ष और 30 आयुध अधिनियम में 6 माह की सजा सुनाई गई है। सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसके अलावा मुख्तार अंसारी पर अलग-अलग कुल 2,02,000 रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड अदा न करने पर 1 साल 1 हफ्ते के अतिरिक्त कारावास का प्रावधान है। 

मालूम हो कि इससे पहले योगी सरकार की प्रभावी पैरवी के कारण कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय की हत्या के मामले में भी माफिया मुख्तार अंसारी को उम्रकैद की सुनाई जा चुकी है। मुख्तार अंसारी को अब तक कुल आठ मामलों में सजा सुनाई जा चुकी है। इससे पहले दिसंबर 2023 में वाराणसी की एमपी/एमएलए कोर्ट ने 26 साल पुराने कोयला व्यवसायी नंद किशोर रुंगटा की हत्या के गवाह महावीर प्रसाद रुंगटा को धमकाने के मामले में मुख्तार अंसारी को दोषी पाते हुए साढ़े पांच साल की कठोर कारावास और 10 हजार जुर्माने की सजा सुनायी थी।

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