गुरू,संत और गौ सेवा करने वाला कभी परास्त नहीं होता :सुरेंद्रनाथ शास्त्री 

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Published By Jagat Mishra
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गोंडा, अमृत विचार। धानेपुर के गौरीपुरवा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत ज्ञान कथा के पांचवें दिन कथा व्यास सुरेंद्रनाथ शास्त्री जी महराज ने समुद्र मंथन और दान वीर राजा बलि की कथा सुनाई। उन्होंने कहा कि राजा बलि को दैत्य गुरू शुक्राचार्य ने गुरू, संत और गौ सेवा का जो मंत्र दिया था उसी पर चलकर राजा बलि ने तीनों लोकों पर विजय पायी। कथा व्यास ने कहा कि गुरू, संत और गौ सेवा करने वाला कभी परास्त नहीं हो सकता। 

पांचवें दिन की कथा को आगे बढाते हुए कथा व्यास सुरेंद्रनाथ शास्त्री जी महराज ने कहा कि देवासुर संग्राम में देवताओं से पराजित होने के बाद दैत्य गुरू शुक्राचार्य ने राजा बलि को गुरू, संत और गौ सेवा करने का मंत्र दिया जिस पर चलकर राजा बलि ने एक बार फिर से देवताओं को परास्त कर तीनों लोकों पर विजय प्राप्त की। कथा व्यास ने कहा कि गुरू, संत और गौ सेवा करने वाले को तीनों लोकों में कोई हरा नहीं सकता। इस दौरान मुख्य‌ यजमान दंपति के अलावा नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि मंशाराम वर्मा, रक्षाराम वर्मा, जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि दीपक यादव, करुणानिधि तिवारी,डा बसंत वर्मा, गोपाल शरण शुक्ला, इंद्रकांत, दद्दन शुक्ला समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। 

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