बरेली: बचपन में नहीं दिया ध्यान तो हो सकते हैं टेढ़े-मेढ़े दांत, यह उपाय करें
इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज में ओरल हेल्थ माह के तहत बच्चों के मुख स्वास्थ्य के प्रति किया जागरूक
बरेली, अमृत विचार। बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल साइंसेज की ओर से ओरल हेल्थ माह के तहत बच्चों के मुख स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जा रहा है। प्रधानाचार्य प्रो. सत्यजीत ने बताया कि बच्चों की कुछ आदतें जैसे बार-बार मुंह में हाथ डालना, अंगूठा या उंगली चूसना, नाखून चबाना, जीभ को जोर से दबाना, मुंह से सांस लेना बच्चों के विकासात्मक स्तर यानी बचपन में पाई जाती हैं, लेकिन इस बात का एहसास न तो मां-बाप को होता है और न ही बच्चे इस बारे में कुछ समझते हैं।
दांत खूबसूरती की निशानी होती है और हमारे व्यक्तित्व को निखारती है इससे मुस्कान भी काफी खूबसूरत लगती है और अगर बचपन में ही इन बातों में ध्यान नहीं दिया जाए तो बच्चों के दांत टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं। लंबे समय तक बच्चों को बोतल से दूध पिलाना भी दांत के आकार को परिवर्तित कर सकता है। लंबे समय तक अंगूठा चूसने से बच्चों के जबड़े में परिवर्तन आ जाता है और इससे भविष्य में उसको दांत से संबंधित समस्या होती हैं।
यह उपाय करें
बच्चों के टेढ़े-मेढ़े दांत निकलने से बचने के लिए उन्हें अंगूठा या उंगली चूसने से रोकना चाहिए। इसके अलावा उनको दिन में काम से कम दो बार ब्रश करने की आदत डालनी चाहिए। परिजन ध्यान रखें कि बच्चा लंबे समय तक बोतल से दूध न पिये और मन में कोई भी संदेह हो तो तुरंत दंत चिकित्सक से राय लेनी चाहिए।
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