Holi 2024: Fatehpur में होली खेलने की अजब है मान्यता...पीहर में रंग खेलने से दंपति के बीच बढ़ता है प्रेम

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Published By Nitesh Mishra
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फतेहपुर में होली मनाने की अलग पंरपरा है

फतेहपुर, अमृत विचार। बसंत अपने आप में प्रेम का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में शादी के बाद पहली होली नवविवाहिता मायके में मनाती है। होली के दिन पति को सामने देखकर पत्नी का चेहरे पर लालिमा आ जाती है। मान्यता है कि पीहर में एक साथ होली खेलने से दंपति के बीच प्रेम बढ़ता है।

होली को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहता है, जो लोग दूसरे शहरों में भी रहते हैं वो भी अपने घर होली पर जरूर आते हैं। यह ऐसा मौका होता है जब परिवार, दोस्तों व रिश्तेदारों से रिश्ता मजबूत करने का मौका मिलता है। 

बहुत से पुरुष अपने ससुराल भी होली मिलने व खेलने जाते हैं। एक-दूसरे को रंग, अबीर व गुलाल से रंगते है। कहीं-कहीं ऐसा रिवाज भी है कि शादी के बाद पहली होली नवविवाहिता अपने मायके में आकर मनाती हैं। 

पत्नी के मायके चले जाने पर पति होली के दिन मिलने जाता है। पीहर में साथ में होली खेलने पर दोनों के बीच प्रेम बढ़ता है। जिले में कई जगह मान्यता है कि शादी के बाद लड़की पहली होली मायके में मनाती है। ऐसे लोगों ने बताया कि हम लोगों ने प्राकृतिक रंग से होली खेलने का प्लान बनाया है। घर में होली पर कई तरह के पकवान बनते हैं। 

साथ ही बड़ों का भरपूर आशीर्वाद व स्नेह मिलता है। पति-पत्नी एक साथ होली खेलने के लिए काफी उत्साहित हैं। शादी के बाद यह पहली होली है। होली एक ऐसा मौका होता है जब परिवार के सभी लोग एक साथ इक्कठा होते हैं। परिवार के सभी लोगों से मिलने का मौका रहता है।

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