Kanpur: सात समंदर पार से आए मिस्टर कोंबा; 10 सालों से थे परेशान, कराया कूल्हा प्रत्यारोपण, दूसरे दिन ही मिला आराम

Kanpur: सात समंदर पार से आए मिस्टर कोंबा; 10 सालों से थे परेशान, कराया कूल्हा प्रत्यारोपण, दूसरे दिन ही मिला आराम

कानपुर, अमृत विचार। दस वर्षों से अधिक से चलने में असमर्थ अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल खिलाड़ी के कूल्हे में दर्द की वजह से खेल छूट गया था। पश्चिम अफ्रीका व विदेशी डॉक्टरों से इलाज कराने के बाद भी जब उनको आराम नहीं मिला तो उनको कानपुर के सत्या हॉस्पिटल में जोड़ प्रत्यारोपण की जानकारी हुई। 

वह चार अंतराष्ट्रीय फ्लाइट्स बदलकर अफ्रीका से कानपुर आए और सत्या हॉस्पिटल में उनका डॉ.एके अग्रवाल ने कूल्हा प्रत्यारोपण कर उनको नई जिदंगी दी, जिसके बाद अब वह उठ-बैठ व चल सकते है। वह सिएरा लियोन देश के उपराष्ट्रपति के भाई भी बताए जा रहे है। 

सात्या हॉस्पिटल में मंगलवार को डॉ.एके अग्रवाल ने बताया कि करीब दो महीने पहले एक कॉल आया था, जानकारी दी गई कि पश्चिम अफ्रीका में सिएरा लियोन देश है, जहां के कस्टम विभाग के मिस्टर कोंबा (60) मेडिकल परामर्श लेना चाहते हैं। वह 10 वर्ष से अधिक समय से चलने में असमर्थ है। उनके कूल्हे में भीषण दर्द होता है और उनका बायां पैर भी छोटा हो गया है। वह कूल्हे को भारत के कानपुर में ठीक कराना चाहते हैं। 

विदेश मंत्रालय व शासन की अनुमती व संसुतियों के बाद 24 मार्च को वह कानपुर आए। यहां पर प्रशासनिक कार्यवाही व मेडिकल टीम के गहन परीक्षण के बाद 25 मार्च को डॉ.एके अग्रवाल ने सहयोगी डॉ. हरी, देवेंद्र, एनस्थेसिया की डॉ. बवेजा व डॉ. रुचि  के साथ मिलकर करीब दो घंटे ऑपरेशन किया। बताया कि मरीज सात समुद्र पार से आया था तो उसका बार-बार कानपुर आना संभव नहीं था। 

इसलिए 40 से अधिक वर्ष तक चलने वाला जोड़ प्रत्यारोपण किया है। इस ऑपरेशन को करने में हर स्टेप पर डबल सुरक्षा रखी गई। उनका बायां पैर जो चार सेंटीमीटर छोटा था, उसे बराबर कर दिया गया है। वहीं, उनपर सबसे आधुनिक सिरेमिक इंप्लांट का इस्तेमाल किया गया। 

कोंबा फुटबाल के खिलाड़ी हैं, ये देखते हुए लार्ज हेड इस्तेमाल किया गया। किसी तरह का संक्रमण या परेशानी न हो इसलिए ऑटोलॉगस ब्लड ट्रांसफ्यूजन किया गया है। ऑपरेशन के बाद कोंबा दूसरे दिन खड़े होने के काबिल हो गए, जिसे उन्होंने परिजनों को दिखाया।  

अफ्रीका में जाकर लोगों को जानकारी देंगे कोंबा 

कोंबा ने बताया कि वह इस ऑपरेशन की सफलता से बेहद खुश हैं। कूल्हे के दर्द की वजह से वह सो तक नहीं पाते थे। इस समस्या से वह करीब 10 वर्षो से अधिक समय से पीड़ित थे। ऑपरेशन के बाद चल थोड़ा चल सके हैं। दोनों पैर बराबर हो गए है। अब वह अफ्रीका जाकर अपने नतीजे लोगों से शेयर करेंगे। ताकि अन्य लोगों को भी इसका फायदा हो सके। मांग है कि मेडिकल वीजा जल्द दिए जाएं, जिससे मेडिकल टूरिजम में बढ़ोत्तरी हो। इससे विदेशी मुद्रा का भंडार बढ़ेगा।

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