Bareilly News: संतोष के बनाए गए अभेद किले पर लहराता रहे कमल...छत्रपाल के लिए जुटा संघ

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Published By Moazzam Beg
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बरेली, अमृत विचार। बरेली संसदीय सीट से संतोष गंगवार की जगह छत्रपाल सिंह को उतारने के बाद भाजपा के इस अभेद किले को बचाने की भी तैयारी शुरू कर दी है। पहली बार बरेली के साथ आंवला में भी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ चुनाव की कमान संभालने के लिए सामने आया है। दोनों संसदीय क्षेत्रों में चुनाव प्रबंधन के लिए संघ की ओर से समन्वयकों की तैनाती की गई है।

आठ बार बरेली के सांसद रहे संतोष गंगवार की प्रबल इच्छा के बावजूद उनके बजाय बहेड़ी के पूर्व विधायक छत्रपाल सिंह गंगवार को टिकट दिया जाना भाजपा के अंदर और बाहर दोनों जगह बड़ी घटना माना जा रहा है। भाजपा को संतोष गंगवार ने ही आठ बार बरेली की सीट दिलाई थी, उनसे पहले सिर्फ दो बार जनसंघ के प्रत्याशी इस सीट से जीते थे। 

छह बार संतोष गंगवार उन परिस्थितियों में बरेली के सांसद चुने गए थे, जब देश में भाजपा की स्थिति बहुत ज्यादा बेहतर नहीं थी। बरेली को अभेद्य दुर्ग बनाने का श्रेय पार्टी भी संतोष गंगवार को ही देती है। इस बार मैदान में उनके बजाय छत्रपाल को उतारा गया है। उनके सामने सपा-कांग्रेस गठबंधन के प्रत्याशी प्रवीण सिंह ऐरन हैं जिन्होंने 2009 में संतोष गंगवार को उनके संसदीय जीवन की एकमात्र शिकस्त दी थी।

लोकसभा चुनाव 2019 में जीती सीटों को बरकरार रखने के साथ हारी हुई सीटों पर भी इस चुनाव में कमल खिलाने का भाजपा उद्देश्य पूरा करने के लिए पहली बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने भी कमान संभाली है। बरेली और आंवला लोकसभा सीट के लिए संघ की ओर से दो समन्वयकों नियुक्त किया गया है।

बरेली के साथ पीलीभीत पर भी पार्टी गंभीर
भाजपा के राजनीतिक रणनीतिकारों के मुताबिक बरेली के साथ पीलीभीत को लेकर भी पार्टी में काफी गंभीरता बरती जा रही है। वजह यह है कि दोनों जगह लोकप्रिय रहे वर्तमान सांसदों की जगह नए प्रत्याशी को अवसर दिया गया है। इनमें बरेली पर ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।

समन्वय बैठकों में सिखाए जा रहे हैं चुनाव प्रबंधन के गुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से समन्वयक बनाए गए पदाधिकारी जिला स्तर पर समन्वय बैठकें कर रहे हैं। इनमें भाजपा के लोकसभा क्षेत्र प्रभारियों के साथ कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को चुनावी प्रबंधन के गुर सिखलाए जा रहे हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि लोकसभा क्षेत्र में चुनाव के लिए आरएसएस ने समन्वयक नियुक्त किया है। भाजपा के बूथ अध्यक्षों से लगातार संपर्क भी कर रहे हैं। 

संघ के बड़े पदाधिकारी भी हर रोज इन बैठकों के बारे में जानकारी ले रहे हैं। समन्वय बैठकों में विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता और कार्यकर्ताओं को भी इस चुनाव में पूरी ताकत झोंकने को कहा जा रहा है। 

ज्यादा फोकस अधिक से अधिक मतदान कराने और मतदाताओं को मतदेय स्थल तक जाने पर किया जा रहा है। बूथ अध्यक्षों को निर्देश दिया जा रहा है कि अगर किसी स्तर पर कोई कमी नजर आए तो उसे बताया जाए। किसी भी जगह जरूरत हो तो प्रत्याशी की परिचयात्मक बैठक कराई जाए और इलाके के प्रभावशाली लाेगों से संपर्क बनाया जाए।

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