Karauli Sarkar: करौली शंकर महादेव धाम में पूर्वजों की मुक्ति के लिए किया हवन...भगवान शिव का अभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना

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Published By Nitesh Mishra
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कानपुर में करौली शंकर महादेव धाम में पूर्वजों की मुक्ति के लिए किया गया हवन

कानपुर, अमृत विचार। गुरु की शरण में जो आ जाता है उसके जीवन में किसी तरह की कोई बाधा नहीं आती। गुरु ही तो है जो अपने शिष्य को भव सागर से पार कराता है और प्रभु से मिलवाता है। गुरु, माता-पिता के निर्णय पर कभी शक नहीं करना चाहिए। ये बातें करौली शंकर महादेव ने करौली शंकर महादेव धाम में अमावस्या पर आयोजित पूर्वज मुक्ति हवन के उपरांत श्रद्धालुओं से कहीं।

उन्होंने कहा कि गुरु को ब्रह्मा कहा गया है क्योंकि वह शिष्य को बनाता है। नव जीवन देता है। गुरु, विष्णु भी है  क्योंकि वह शिष्य की रक्षा करता है। गुरु साक्षात महेश्वर भी है क्योंकि वह अपने शिष्य के सभी दोषों का संहार करता है। 

भगवान रूठ जाएं तो गुरु उनके कोप से बचा सकता है लेकिन गुरु रूठ जाएं तो कोई बचाने वाला नहीं है। गुरु के बिना जीवन की कल्पना भी अधूरी है। सनातन अवधारणा के अनुसार इस संसार में मनुष्य को जन्म भले ही माता-पिता देते हैं लेकिन मनुष्य का सही अर्थ गुरु कृपा से ही प्राप्त होता है। 

Sarkar Karauli 2

गुरु जगत व्यवहार के साथ साथ भव तारक, पथ प्रदर्शक भी होते हैं। जिस प्रकार माता-पिता शरीर का सृजन करते हैं उसी तरह से गुरु अपने शिष्य का सृजन करते हैं।  उन्होंने कहा कि पूर्वजों की मुक्ति हर हाल में होनी चाहिए। अगर पूर्वज अतृप्त हैं तो घर- परिवार में कभी कोई सुखी नहीं रह सकता है। घर में क्लेश बना रहेगा। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने हवन किया और प्रभु से पूर्वजों के मुक्ति की कामना की। भगवान शिव का अभिषेक कर सुख समृद्धि की कामना की गई। इस दौरान राधा- रमण के भजन वातावरण में गूंज उठे।

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