Kanpur: फूफा मुझे बचा लो...जो पैसे लेंगे वह मैं आपकों ट्रांसफर कर दूंगा...साइबर ठग ने कुछ इस तरह खाते से पार की रकम

कानपुर में साइबर ठगों ने दरोगा बनकर रेप केस में बचाने के एवज में मांगे रुपये

Kanpur: फूफा मुझे बचा लो...जो पैसे लेंगे वह मैं आपकों ट्रांसफर कर दूंगा...साइबर ठग ने कुछ इस तरह खाते से पार की रकम

कानपुर, अमृत विचार। सचेंडी थानाक्षेत्र में एक लड़की के साथ रेप किया गया है। लड़की मर गई है, जिसमें चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, आपके भतीजे का भी नाम आ रहा है। भतीजे को बचाना है तो एक लाख दो। साइबर ठगो ने यह कह कर सब्जी विक्रेता से एक लाख की ठगी कर ली।आसपास के दुकानदारों ने हड़बड़ाए सब्जी विक्रेता से परिजनों को फोन कर जानकारी लेने को कहा गया, जिसके बाद घटना का खुलासा हुआ। पीड़ित ने डीसीपी सेंट्रल कार्यालय में शिकायत की। 

फूफा मुझे किसी भी तरह बचा लो, जो भी पैसे लगेंगे वह मैं आपकों कुछ देर में ट्रांसफर कर दूंगा। बीते 27 मार्च को इस तरह का फोन पनकी रतनपुर निवासी सब्जी विक्रेता दिनेश सिंह को किया गया। दिनेश ने बताया कि वह गुमटी बंबा रोड पर आलू व प्याज की दुकान लगाते है। 

रोजाना की तरह वह दुकान पर मौजूद थे, तभी उनके पास व्हाट्सएप कॉल आया, जिसमें गुड़गांव में रहने वाले उनके साले के बेटे मनोज की आवाज आई। मनोज ने कहा कि फूफा मैं कानपुर आ रहा हूं, रास्ते में मुझे पुलिस ने पकड़ लिया है। इसके बाद दूसरे युवक ने फोन लेते हुए अपना परिचय दरोगा विजय के रूप में दिया। उसने बताया कि सचेंडी थानाक्षेत्र में एक रेप केस हुआ है, जिसमें मनोज भी शामिल है। 

इसके बाद दिनेश के व्हाट्सएप पर अस्पताल में भर्ती एक युवती की फोटो भेजी गई। जिसके बाद ठग ने बताया कि युवती मर चुकी है, केस में पांच लोग पकड़े गए है। जिनमें से चार लोगों को जेल भेजा जा रहा है, लेकिन आपके भतीजे को हटा लिया गया है। भतीजे को बचाना चाहते हो एक लाख रुपये भेज दो। दिनेश के मुताबिक हड़बड़ाहट में आकर उसने 60 हजार रुपये बताए गए खाते में ट्रांसफर कर दिए। 

इसके बाद आसपास के दुकानदारों से उधार लेकर 40 हजार रुपये दूसरे खाते में ट्रांसफर किए। आरोप लगाया कि कुछ देर बाद उनके व्हाट्सएप पर एक वॉइस नोट आया, जिसमें कहा गया कि मीडियाकर्मी आ गए है, उनकों मैनेज करने के एक लाख और दो। दिनेश को हड़बड़ाया हुआ देख कर आसपास के दुकानदारों ने पूछताछ की तो उन्होंने आपबीती बताई। दुकानदारों की सलाह पर दिनेश ने गुड़गांव निवासी साले को फोन किया।

जिसके बाद घटना का खुलासा हुआ। डीसीपी सेंट्रल रामसेवक गौतम ने बताया कि मामला जानकारी में आया है। साइबर सेल की टीम लगाकर मामले की जांच कराई जा रही है। पीड़ित के मुताबिक भतीजे की आवाज ठग से मिल रही थी, जिससे अनुमान है कि घटना को आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस (एआई) डीपफेक तकनीकी से अंजमा दिया गया है। 

वाट्सएप में वर्दी पहले युवक की लगी थी फोटो

पीड़ित ने बताया कि जिस नंबर से फोन आया था, उसकी वाट्सएप नंबर की डीपी पर एक वर्दी पहने हुए युवक की फोटो लगी हुई थी। युवक खुद को सचेंडी थाने में तैनात दरोगा बता रहा था। ठगी का अहसास होने पर उन्होंने फोन मिलाया तो कॉल उठना बंद हो गई। कुछ देर बाद वाट्सएप डीपी भी बदल गई। बताया कि अब डीपी में तिरंगा लगा हुआ है।

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