बदायूं: शासन की व्यवस्था में सेंध, सचिव और प्रधान ने ऑनलाइन की जगह कर दिया मैनुअल भुगतान

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Published By Moazzam Beg
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बदायूं, अमृत विचार। ग्राम प्रधान और सचिव अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने को कतई तैयार नहीं हैं। उनके द्वारा शासन की व्यवस्था में लगातार सेंध लगाई जा रही है। आदेशों की अवहेलना करते हुए कराए गए विकास कार्यों पर खर्च हुई धनराशि का भुगतान ऑनलाइन के स्थान  पर मैनुअल कर दिया गया। 

संबंधित फर्म को मैनुअल भुगतान करने वाले छह प्रधानों और सचिवों को सीडीओ के आदेश पर डीपीआरओ ने नोटिस जारी किया है। साथ ही सुधार न  होने की दशा में रिपोर्ट दर्ज कराने के साथ सेवा समाप्त करने की कार्रवाई किए जाने संबंधी चेतावनी दी है। 

ग्राम पंचायतों में कराए जाने वाले विकास कार्यों पर खर्च होने वाली धनराशि का संबंधित फर्म को गेटवे एप के माध्यम से भुगतान करने की व्यवस्था शासन की ओर से की गई है। इसी व्यवस्था के तहत ग्राम पंचायतों में बने सचिवालयों में कंप्यूटर लगाए गए हैं। इनमें गेटवे एप का डाउनलोड भी किया गया है। यह व्यवस्था पिछले दो साल से प्रभावी है। 

शासन की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि गांवों में होने वाले विकास कार्य पर खर्च होने वाली धनराशि का भुगतान गेटवे के स्थान पर अन्य माध्यम से किया गया तो संबंधित प्रधान और सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की  जाए। लेकिन जिले की छह ग्राम पंचायतों में प्रधान और सचिवों द्वारा गेटवे के स्थान पर अन्य माध्यम से कर दिया गया। 

जिसमें आसफपुर की ग्राम पंचायत परमानन्दपुर में प्रधान द्रोर्णकृष्णन सचिव पारुल ने  502397 धनराशि का भुगतान गेटवे के स्थान पर अन्य माध्यम से कर दिया। इसी तरह इसी ब्लॉक की ग्राम पंचायत टोडरपुर की प्रधान पूजा सचिव विनेश ने 2,94,539 धनराशि, भोजपुर में प्रधान अमित कुमार, सचिव गजेंद्र पाल सिंह ने 1,24,584, बिसौली की ग्राम पंचायत करनपुर में प्रधान  जशोदा सचिव विकास पुरी ने 47,269 धनराशि, परौली में प्रधान हरद्वारी सचिव विकास पुरी ने 4,05,626 धनराशि और कादरचौक की मुगर्रा  जरासी गांव के प्रधान पूनम वशिष्ठ सचिव सुरेश चंद्र ने 2,45,849 का भुगतान कर दिया। 

ऐसे में सीडीओ के आदेश पर डीपीआरओ ने प्रधानों और सचिवों को नोटिस जारी किया है। साथ ही चेतावनी दी है कि अगर उनके द्वारा अपनी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं किया गया तो न सिर्फ उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। बल्कि सेवा समाप्त भी कर दी जाएगी। 

छह ग्राम पंचायतों के प्रधान और सचिवों ने गेटवे के स्थान पर अन्य माध्यम से  लाखों रुपये का भुगतान किया गया है। उनका जवाब तलब किया है।  जवाब न मिलने की  दशा में उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई  जाएगी। साथ ही सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जाएगी।-केशव कुमार, सीडीओ

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