पीलीभीत: उधारी चुकाने बाद भी 1.20 लाख बकाया, बेघर हुए परिवार ने पुलिस लाइन में दिया धरना...मांगा न्याय
पीलीभीत, अमृत विचार। पुलिस लाइन में एक परिवार की कुछ महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठ गए। गांव के ही कुछ लोगों पर सूदखोरी और फिर मकान पर कब्जा करने का आरोप लगाया। न्यूरिया पुलिस पर भी शिकायत को अनसुना करने की बात कहते हुए प्रताड़ित करने का आरोप लगाया।
कुछ देर धरना देने के बाद एसपी से शिकायत कर न्याय की गुहार लगाई है। ये भी कहा कि आरोपियों के द्वारा मकान का सामान बाहर फेंक अपना ताला जड़ दिया गया है। जिससे पूरा परिवार बेघर हो गया है।
महिला का कहना था कि वह अनुसूचित जाति के हैं। उसके पति ने एक साल पहले जरूरत पड़ने पर गावं के ही एक व्यक्ति से 60 हजार रुपये उधार लिए थे। चार किस्तों में ये रकम वापस भी की जा चुकी है। अब आरोप है कि उक्त लोगों ने 10 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के हिसाब से 1.20 लाख रुपये की बकाएदारी निकाल दी। इसे न देने पर मकान पर कब्जा करने की धमकी दी जा रही थी।
16 मई की रात आरोपिश्यों ने गाली गलौज और मारपीट की। अपने घर से मिली पीड़ित के मकान की दीवार तोड़ी और अपने में मिला ली। इसकी शिकायत पुलिस से की गई लेकिन सुनवाई नहीं हुई। 20 मई की रात आरोपियों ने घर में घुसकर मारपीट। आरोप है कि घर का सामान बाहर फेंक दिया और मकान पर अपना ताला जड़ दिया। पूरा परिवार बेघर हो गया। इसकी शिकायत पुलिस से की गई लेकिन मदद करने के बजाय पुलिस ने पति समेत कुल तीन लोगों को ही पकड़ लिया। उन पर कार्रवाई कर दी गई।
आरोपियों पर कार्रवाई की मांग और घर का ताला खुलवाने की मांग की गई। परिवार को धरना देता देख मौजूद पुलिसकर्मियों की नजर पड़ी तो वह मौके पर पहुच गए। महिला को उठाया और उनके प्रार्थना पत्र को देखा। जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया। जिसके बाद कुछ ही देर में परिवार का धरना समाप्त हो गया। उधर, एसओ न्यूरिया एसओ ने लगाए गए आरोपों को निराधार बताया है।
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