बरेली: जीआईएस सर्वे..! 1400 रुपये से 31 हजार हुआ हाउस टैक्स, नगर निगम में मारपीट की नौबत

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Published By Vishal Singh
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नगर निगम के टैक्स विभाग में बुधवार को पूरे दिन गर्म रहा माहौल, शहर में करीब 20 हजार लोगों के प्रभावित होने का दावा

बरेली, अमृत विचार। जीआईएस सर्वे के बाद लागू किया गया हाउस टैक्स शहरवासियों के जी का जंजाल बन गया है। इस सर्वे के आधार पर नए सॉफ्टवेयर से लागू किया टैक्स 20 से 25 गुना तक बढ़ गया। अब नगर निगम में परेशान लोगों की लाइन लगी हुई है। करीब 20 हजार लोग प्रभावित बताए जा रहे हैं। बुधवार को लोगों को शिकायत सुने बगैर टालने की कोशिश की गई तो कर्मचारियों से उनकी तीखी नोकझोंक हुई और मारपीट तक की नौबत आ गई।

जीआईएस सर्वे के दौरान पहले ही कई बार बड़े पैमाने पर धांधली और रिश्वतखोरी के आरोप लगाए गए थे, अब हाउस टैक्स के बिलों में भारी गड़बड़ियां निकलने के बाद इन्हीं आरोपों ने दोबारा माहौल गर्म करना शुरू कर दिया है। 

नगर निगम क्षेंत्र में आवासीय और व्यावसयिक भवनों का ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सिस्टम सर्वे 2019 में शुरू होकर 2024 तक चला। इस पर लाखों खर्च होने के बाद लोगों की मुश्किल कम होने के बजाय बढ़ गई है। अनाप-शनाप टैक्स वृद्धि के साथ नए साफ्टवेयर के जरिए 2023 से टैक्स निर्धारित कर बिलों में उन्हें भी बकायादार दिखा दिए जाने की भरमार है जो पहले ही टैक्स जमा कर चुके थे।

हाउस टैक्स के बिलों गड़बड़ियों की शिकायतें लेकर बुधवार को नगर निगम पहुंचे लोगों की टैक्स विभाग के अधिकारियों कई बार तीखी नोकझोंक हुई। कर्मचारियों ने लोगों की शिकायतों पर सही जवाब नहीं दिए तो नौबत मारपीट तक पहुंच गई। पूरे दिन नगर निगम में माहौल गर्म रहने के बाद सपा के पार्षद राजेश अग्रवाल ने जीआईएस सर्वे में बड़ा गोलमाल किए जाने का सीधा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि इससे बेहतर होता कि मैनुअल कर निर्धारण किया जाता। लापरवाही से नियमों की अनदेखी कर 20 हजार से ज्यादा लोगों का हाउस टैक्स बढ़ा दिया गया है। इससे लोगों में काफी गुस्सा है।

ऐसी-ऐसी शिकायतें लेकर पहुंचे लोग
हम पूरा बिल हम जमा कर चुके हैं, इसके बाद भी बकाया दिखाया जा रहा है। घर की दूसरी मंजिल पर सिर्फ एक कमरा है लेकिन पूरे मकान को दोमंजिला दिखाया गया है। - सुरेश कुमार

हमने अत्यधिक टैक्स बढ़ने की शिकायत की तो टैक्स विभाग के लोगों ने कहा कि पहले मकान का फोटो लेकर आने को कहा। फोटो लाने पर भी टाल दिया गया। - जय अग्रवाल

पहले घर का टैक्स 1400 रुपये निर्धारित किया था। ज्यादा टैक्स की शिकायत की तो सर्वे कराने के बाद अब 31 हजार रुपये के हाउस टैक्स का बिल बना दिया। - संजीव

कहते थे अफसर, रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़वाओ तो मानें
सपा पार्षद दल के नेता गौरव सक्सेना का कहना है कि जीआईएस सर्वे करने वाली एजेंसी ने पूरी मनमानी से काम किया है। जानबूझकर लोगों का टैक्स बढ़ाया गया हैं। सर्वे के दौरान बार-बार शिकायत आती थी कि पैसे लेकर एरिया कम और ज्यादा करने का खेल किया जा रहा है। तब टैक्स विभाग के अधिकारी यह कहकर टाल दाते थे कि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़वाना पड़ेगा, तभी शिकायत सही मानी जाएगी। उन्होंने कहा कि अब अगर बढ़े हुए बिलों की भी सही जांच करा ली जाए तो बड़ा खेल सामने आ जाएगा। शहर में करीब 20 हजार मकानों का कर निर्धारण गलत तरीके से हुआ है।

शिकायतों की जांच का आदेश देने के साथ टैक्स विभाग से पूरा विवरण मांगा है। नया टैक्स 2024- 25 से ही लागू होगा। अगर जानकर गड़बड़ी की गई है तो दोषी के खिलाफ कार्रवाई के लिए पत्र लिखूंगा। जीआईएस सर्वे शासन ने हर जगह कराया है। सुधार होने तक बिल वितरण रोकने का निर्देश दिया है- उमेश गौतम, मेयर

अभियान चलाकर गलतियां दूर की जाएं
बरेली अखिल भारतीय भ्रष्टाचार उन्मूलन संगठन व्यापारिक प्रकोष्ठ ने टैक्स बिलों की विसंगतियों के समाधान की मांग की है। कार्यकारी जिलाध्यक्ष सौरभ जैन ने बताया कि जीआईएस सर्वे से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। जीआईएस सर्वे 2024–25 लागू हो और आपत्ति निस्तारण के लिए ऑनलाइन ऑप्शन सक्रिय किया जाए। दो-तीन महीने से सॉफ्टवेयर ठप पड़ा है, जिस कारण पुरानी शिकायतें निस्तारण होने के बाद भी ऑनलाइन अपडेट नहीं हुई हैं।

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