गोंडा: ट्रेन हादसे का एक यात्री अब भी लापता, तलाश में पिकौरा पहुंची रेल अफसरों की 70 सदस्यीय टीम

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

ट्रेन के डिब्बों समेत आसपास के इलाके को खंगाला

गोंडा, अमृत विचार। गोंडा-गोरखपुर रेल खंड पर मोतीगंज झिलाही स्टेशन के बीच पिकौरा गांव के समीप 18 जुलाई को हुए रेल हादसे के मामले में एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। ट्रेन में सवार एक यात्री अब भी लापता बताया जा रहा है। गोंडा जिले के तरबगंज की रहने वाली एक महिला ने इस मामले में डीएम से मिलकर शिकायत‌ दर्ज करायी है। डीएम की संस्तुति पर बृहस्पतिवार को रेलवे के अधिकारियों की टीम पिकौरा गांव स्थित घटनास्थल पर पहुंची और लापता यात्री की तलाश में मौके पर खड़ी बोगियों और आसपास के इलाके को खंगाला। 

तरबगंज थाना क्षेत्र के उमरापुर उदवतनगर निवासी महिला रामा देवी ने डीएम से मिलकर शिकायत दर्ज करायी थी कि उसका बेटा रामधन भी उस दिन चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ पर सवार हुआ था। लेकिन वह अब तक घर नहीं पहुंचा। डीएम नेहा शर्मा ने महिला की शिकायत‌ पर इसकी जांच के लिए अपनी संस्तुति डीआरएम को भेजी थी और लापता यात्री की तलाश करने की शिफारिश की थी।

डीआरएम आदित्य कुमार के निर्देश पर आरपीएफ के  सहायक सुरक्षा आयुक्त ने एक संयुक्त जांच टीम का गठन कर मौके पर जाने का निर्देश दिया था। बृहस्पतिवार को रेल अधिकारियों, स्थानीय पुलिस, प्रशासनिक अफसरों व एनडीआरएफ की 70 सदस्यीय टीम पिकौरा गांव स्थित घटनास्थल पर पहुंची। टीमों को पांच खंडों में बांटकर लापता यात्री रामधन की तलाश में क्षतिग्रस्त खड़ी बोगियों और आसपास के इलाके को खंगाला गया।

cats

हालांकि देर शाम तक लापता यात्री का पता नहीं चल सका। शाम को अभियान बंद कर टीम वापस लौट गयी। इस अभियान में रेल अधिकारियों के अलावा मनकापुर नायब तहसीलदार अन्नू सिंह, सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल लखनऊ रवि शंकर सिंह, सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल गोंडा राजीव उपाध्याय, थानाध्यक्ष मोतीगंज प्रतिभा सिंह समेत अन्य मौजूद रहे। 

हादसे में चार यात्रियों की गयी थी जान 

18 जुलाई को चंडीगढ़ से आसाम जा रही चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस ट्रेन पिकौरा गांव के समीप डिरेल हो गयी थी और ट्रेन की तीन बोगियां पलट गयी थी जबकि कुल 19 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। इस हादसे में चार यात्रियों की जान चली गयी थी जबकि 34 अन्य घायल हुए थे।

ये भी पढ़ें -राष्ट्रपति भवन के ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ अब कहे जाएंगे ‘गणतंत्र मंडप’, ‘अशोक मंडप’

 

संबंधित समाचार