बहराइच: गेरुआ नदी में इस वजह से जलीय जीवों के जीवन पर संकट, सांसद ने केंद्रीय वन मंत्री से की सिल्ट सफाई की मांग

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
On

बहराइच, अमृत विचार। जिले के कतर्निया घाट वन्य जीव प्रभाग में स्थित गेरुआ नदी में नेपाल से बहकर आया सिल्ट जमा हो गया है। इसके चलते जलीय जीवों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है। नदी में पानी निकासी खराब होने पर बाढ़ की स्थिति भी बन रही है। कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग 551 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। जंगल के बीच में ही गेरुआ और कौड़ियाला नदी है। 

इस नदी में दुर्लभ जलीय जीव पाए जाते हैं। इनमें डॉल्फिन घड़ियाल, मगरमच्छ और कछुआ शामिल है। नदी के आसपास बेहतर प्राकृतिक वास होने के चलते प्रवासी पक्षियों का भी डेरा रहता है। लेकिन नेपाल से आने वाली सिल्ट बैराज के होने के चलते गेरुआ नदी में जमा हो जाती है। नदी में सिल्ट जमा होने के चलते जलीय जीवों के जीवन पर संकट आ गया है। 

लेकिन वन विभाग या अन्य किसी के द्वारा गेरुआ नदी में जमे सिल्ट की सफाई नहीं करवाई जा रही है। इसको देखते हुए बहराइच सांसद डॉक्टर आनंद कुमार ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री को पत्र देकर नदी के सिल्ट की सफाई की मांग की है। उनका कहना है कि सेंट सफाई से जलीय जीवों की स्थिति बेहतर हो जाएगी। साथ ही गेरुआ नदी अपने पुराने स्थिति में आ जाएगी।

बाढ़ भी उत्पन्न कर रही सिल्ट

कतर्निया घाट वन्य जीव प्रभाव में स्थित गेरुआ नदी में नेपाल से आने वाला सीट गिरिजापुरी बैराज के चलते आगे नहीं जा पता है। जिसके चलते पानी के निकासी भी नहीं हो पा रही है। यही पानी नदियों को उफान पर लाकर बाढ़ में परिवर्तित हो जाता है। इसका खमियाजा जनता को उठाना पड़ता है। 

टोल प्लाजा का भी उठाया मुद्दा

सांसद डॉक्टर आनंद कुमार ने नगर पालिका परिषद में स्थित टोल प्लाजा का मुद्दा सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से उठाया। उन्होंने कहा कि नगर पालिका क्षेत्र में आसाम रोड पर स्थित टोल प्लाजा से शहर और उसके आसपास से आने जाने वाले लोगों को बार-बार टोल टैक्स देना पड़ता है ऐसे में इसे डेढ़ किलोमीटर दूर या पहले स्थापित किया जाए, जिससे आम लोगों को समस्या न हो।

यह भी पढ़ें:-गोंडा: पिकअप की ठोकर से रेलवे क्रॉसिंग का बैरियर टूटा, आधे घंटे तक ट्रैक पर खड़ी रहीं ट्रेने

संबंधित समाचार