म्यांमार की सबसे बड़ी पार्टी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में रूस से मांगा समर्थन 

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Published By Bhawna
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नाएप्यीडॉ। म्यांमार की सबसे बड़ी पार्टी यूनियन सॉलिडेरिटी एंड डेवलपमेंट पार्टी (यूएसडीपी) ने रूस से देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिये समर्थन मांगा है।

यूएसडीपी के अध्यक्ष खिन यी ने स्पूतनिक के साथ एक साक्षात्कार में रविवार को कहा, हम चाहते हैं कि रूस आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारे साथ मिलकर काम करे। ऐसा करने के लिए, हमें पहले यह महसूस करना होगा कि म्यांमार में जो हो रहा है उसे आंतरिक राजनीतिक झगड़े के रूप में नहीं, बल्कि आतंकवाद के रूप में देखा जाना चाहिए। यदि आप इसे आतंकवाद के रूप में पहचानते हैं, तो आपके विभाग और एजेंसियां ​​जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में लगी हुई हैं, हमारे साथ जुड़ सकती हैं। 

उन्होंने बताया कि म्यांमार की वर्तमान सरकार का लक्ष्य राष्ट्रीय स्तर पर सभी संभव सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना है। उनका मानना ​​है कि हाल ही में दुनिया भर में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे सुचारू रूप से क्षेत्रीय और कभी-कभी वैश्विक स्तर पर भी बढ़ रहे हैं। हमारी पार्टी रूस के साथ मिलकर आतंकवाद से निपटने का प्रयास करेगी।म्यांमार की केंद्र सरकार और राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों के कई सशस्त्र समूहों के बीच सशस्त्र संघर्ष 2021 में फिर से बड़े पैमाने पर शुरू हुआ, जब सेना ने सरकार के प्रतिनिधियों पर नवंबर 2020 के चुनावों में धांधली का आरोप लगाया और राष्ट्रीय सुरक्षा एवं देश की अखंडता को खतरे में डालने वाली आपातकाल की स्थिति में सशस्त्र बलों के कमांडर को सत्ता हस्तांतरण के लिए संवैधानिक तंत्र का इस्तेमाल किया। 

म्यांमार की राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा परिषद ने 2021 में पहली बार घोषित आपातकाल को 31 जुलाई को अगले छह महीने के लिए बढ़ाने का फैसला किया। 

ब्रिटेन में जारी अशांति गृहयुद्ध में बदल सकती है: मस्क
अमेरिका के अरबपति उद्यमी एलन मस्क का मानना ​​है कि ब्रिटेन में बड़े पैमाने पर व्याप्त अशांति गृहयुद्ध में बदल सकती है। ब्रिटेन के साउथपोर्ट में चाकू हमले के बाद ब्रिटेन के कई शहरों में शनिवार को अवैध प्रवासियों की आमद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। हमले में तीन बच्चे मारे गए थे। ‘टाइम्स’ अखबार ने बताया कि सप्ताहांत में कम से कम 35 विरोध प्रदर्शनों की आशंका थी। मस्क ने ‘एक्स’ पर ब्रिटिश शहरों में विरोध प्रदर्शनों के एक वीडियो पर टिप्पणी करते हुए कहा, गृहयुद्ध को टाला नहीं जा सकता। गौरतलब है कि साउथपोर्ट में 29 जुलाई को बच्चों के डांस क्लब पर चाकू से किए गए हमले में तीन लड़कियों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। चाकू मारने वाले के शरणार्थी होने की अपुष्ट खबरों के बीच बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और पुलिस के साथ झड़पें हुईं।

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