KGMU: कर्मचारी परिषद करेगा आंदोलन, कर्मचारियों ने संगठन के कार्यकाल पर ही उठाया सवाल

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Published By Virendra Pandey
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लखनऊ, अमृत विचार। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय कर्मचारी परिषद ने केजीएमयू प्रशासन पर कर्मचारियों की अनदेखी का आरोप लगाया है। कहा है कि केजीएमयू प्रशासन भर्ती प्रक्रिया में व्यस्त है कर्मचारियों की पदोन्नति, एसीपी समेत अन्य प्रकरण की तरफ ध्यान नहीं दे रहा है। ऐसे में आन्दोलन ही एक मात्र रास्ता बचता है, बुधवार सुबह सभी कर्मचारी ओपीडी पर एकत्र होकर अपनी मांग रखेंगे। इस बात की जानकारी केजीएमयू कर्मचारी परिषद ने पत्र जारी कर दी है। पत्र में यह भी कहा गया है कि केजीएमयू प्रशासन खुद ही चाहता है कि यहां आंदोलन हो और सरकार की छवि धूमिल हो। 

वहीं  इस पत्र के जारी होने के बाद केजीएमयू कर्मचारी परिषद के पूर्व अध्यक्ष और कई कर्मचारियों ने कर्मचारी परिषद के कार्यकाल पर ही सवाल खड़ा कर दिया है। कहा है कि 28 मई को परिषद का कार्यकाल समाप्त हो गया है। उसके बाद कार्यकाल बढ़ाने के लिए आम सभा भी नहीं हुई है। उन्होंने मौजूदा परिषद के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया है।

दरअसल, जून महीने में कर्मचारी परिषद के मंत्री अमित सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने इस्तीफे की वजह  परिषद का कार्यकाल समाप्त होना बताया था। उन्होंने कहा था कि मैं परिषद के संविधान एवं  सभी की भावनाओं का सम्मान करते हुए कर्मचारी परिषद के मंत्री के पद से अपना त्यागपत्र देता हूँ। इसके बाद से ही कर्मचारी परिषद के चुनाव को लेकर अटकलें तेज हो गई थीं। इतना ही नहीं फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स के डिप्टी रजिस्ट्रार को पूर्व अध्यक्ष प्रदीप गंगवार की तरफ से पत्र लिखकर कर्मचारी परिषद का कार्यकाल समाप्त होने की शिकायत की गई थी। जिस पर फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स के डिप्टी रजिस्ट्रार ने परिषद के अध्यक्ष को अपना पक्ष रखने को कहा था। हालांकि कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष विकास सिंह ने इन सभी बातों को निराधार करार दिया है।

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