Kanpur: पनकी पड़ाव पुल निर्माण को शासन की मंजूरी का इंतजार, दिन में कई बार क्रासिंग बंद होने से लोग परेशान

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। पनकी पड़ाव पुल का निर्माण रेलवे की स्वीकृति के बावजूद एक दशक से ज्यादा समय से शासन की हरी झंडी के इंतजार में लटका है। रेलवे दो बार रिमाइंडर भी भेज चुका है, लेकिन जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण मामला अटका पड़ा है और दिल्ली-हावड़ा रूट की क्रासिंग पर लोगों को हर समय जाम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

दिल्ली-हावड़ा रेल रूट की पनकी पड़ाव क्रासिंग रोज करीब 200 बार बंद होती है। लोगों को इस समस्या के कारण लगने वाले जाम से छुटकारा दिलाने के लिए क्रासिंग पर 292.95 करोड़ रुपये लागत से मल्टी डायमेंशन फोरलेन पुल बनाने की योजना बनी थी। 

इसमें पीडब्ल्यूडी का अंशदान 251.84 करोड़ और रेलवे का 41.11 करोड़ रुपये है। इस क्रासिंग पर पुल बनने से पनकी, कल्याणपुर, महावीरपुरम, रतनपुर, सुन्दर नगर, शताब्दी नगर, गंगागंज कॉलोनी समेत 30 से अधिक मोहल्लों में रहने वाले दो लाख से अधिक लोगों को राहत मिलेगी। 

गंगागंज से शुरू होकर क्रासिंग पार करने के बाद इस 400 मीटर लंबे पुल का एक हिस्सा स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया और दूसरा ट्रांसपोर्ट नगर की ओर मुड़ जाएगा। सेतु निगम की योजना पर रेलवे ने वर्ष 2012-13 में स्वीकृति प्रदान की थी।
 
इसके बाद सेतु निगम ने पुल निर्माण का प्रस्ताव वित्तीय वर्ष की कार्य योजना में शामिल करने के लिए शासन को भेजा था, लेकिन बजट के अभाव में स्वीकृति नहीं मिली थी। रेलवे ने पुल निर्माण की स्वीकृति के लिए जनवरी 2023 में शासनको पत्र लिखा था। 

इसके बाद रेलवे के साथ बैठक भी हुई, लेकिन पुल निर्माण को मंजूरी नहीं मिली। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी अब तक इस समस्या के निदान की सुध नहीं ली है। गोविंद नगर से विधायक सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि पनकी पड़ाव पुल को वित्तीय वर्ष 2024-25 की कार्ययोजना में शामिल करने के लिए भेजा गया है। पुल निर्माण का बजट मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री से मिलेंगे।

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