अयोध्या: अधिकारियों को रास नहीं आता बीडीओ आवास, अब तक केवल एक ने बनाया अपना निवास
15 वर्ष पुराने सरकारी आवास की फिर शुरू हुई साफ सफाई
सोहावल/अयोध्या, अमृत विचार। विकास खंड में बनाया गया सरकारी आवास पिछले 15 वर्षों में ज्यादातर खंड विकास अधिकारियों को रास नहीं आया। जिला मुख्यालय पर किराए का आवास लेकर रहना कबूल रहा, लेकिन ब्लाक मुख्यालय पर कीमती भवन में रहना एक को छोड़ कर दर्जनों अन्य को स्वीकार नहीं हुआ। इसके पीछे असुरक्षा और संसाधनों का अभाव बताया जाता रहा है।
56 ग्राम पंचायतों वाले विकास खंड सोहावल में विकास खंड अधिकारी का आवास मुख्यालय में जनवरी 2009 में बनाया गया। पूर्व मंत्री स्व. मुन्ना सिंह चौहान ने इसका लोकार्पण किया था। अब तक इस भवन में सिर्फ एक बार आवास के लिए दरवाजे खुले हैं जब खंड विकास अधिकारी रहे प्यारे लाल ने अपना आवास बनाया। इसके बाद आने वाले दर्जन भर से ज्यादा खंड विकास अधिकारियों को यहां का सरकारी भवन रास नहीं आया।

एक और खंड विकास अधिकारी रहे अबू बकर खान ने भी कुछ दिन ब्लॉक में बिताए, लेकिन इनका आवास इस भवन की जगह गेट के अंदर बने एक कमरे में था। इस ब्लॉक में करीब तीन दशक पहले बनाए गए ग्राम पंचायत अधिकारी निवास का हश्र तो और बुरा रहा। कभी यह भवन आवास में उपयोग ही नहीं हुए। अलबत्ता कुछ चुनाव में इनका केवल उपयोग हुआ और अब जर्जर होकर समाप्ति की ओर हैं।
शासन के निर्देश पर एक बार फिर खंड विकास अधिकारी को रात्रि निवास ब्लॉक मुख्यालय पर करना अनिवार्य किए जाने के बाद आवास की साफ सफाई, मरम्मत का काम रविवार को शुरू कर दिया गया है। देखना यह है कि अब तक जंगली जानवरों का बसेरा रहे आवास में खंड विकास अधिकारी भावना यादव का प्रवास हो पाता है या फिर साफ-सफाई तक ही रह जायेगा।
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