Kanpur: फजलगंज इंडस्ट्रियल क्षेत्र की हालत खराब; पथरीले रास्तों पर हो रहा व्यापार, फुटपाथ पर मुसीबतें हजार
क्षेत्र की प्रमुख 10 सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे, नालियां फुटपाथ अतिक्रमण की वजह से गायब
कानपुर, अमृत विचार। किसी भी शहर के इंडस्ट्रियल विकास से उसके संपन्न होने की कहानी गढ़ी जाती है। बात कानपुर की हो तो औद्योगिक नगरी से विख्यात यह शहर अपने आपमें बड़ा इतिहास संजोय हुये है। लेकिन, इस स्वरूप की चिंता न करने की वजह से पहचान धुधली हो रही है।
1861 में बसाया गया फजलगंज इंडस्ट्रियल एरिया अपनी पौराणिकता को टूटी सड़कों, जलभराव, अतिक्रमण के बोझ तले खोता जा रहा है। जिम्मेदारों ने मुंह मोड़ा तो स्थानीय लोगों ने भी फुटपाथ को अपनी जागीर बना लिया। फजलगंज को आपस में जोड़ने वाली 10 प्रमुख सड़कों की हालत खस्ताहाल है। नालियां गायब हो गईं हैं। फुटपाथ पर मैकेनिक अपनी दुकान सजाकर बैंठे हैं, जिसकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हैं। पढ़िये यह खास रिपोर्ट।
ब्रिटिश हुकूमत ने जब शहर का विस्तार शुरू किया तो सबसे पहले अंग्रेजो ने औद्योगिक इकाई फजलगंज में ही लगाई थी। उस समय यह यूपी की पहली और इंडिया की तीसरी औद्योगिक इकाई बनकर उभरी। 163 वर्ष बसे औद्योगिक क्षेत्र अपने बसने के बाद से ही शहरवासियों को रोजगार देने लगा। धीरे-धीरे यहां औद्योगिक इकाइयों की स्थापना होने लगी।
मौजूदा समय में 500 से अधिक इकाइयों का संचालन फजलगंज औद्योगिक क्षेत्र में हो रहा है। यहां के उद्यमियों का कहना है कि सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिये अग्रसर है लेकिन, अधिकारियों की निरंकुशता की वजह से यहां मूलभूत सुविधाओं क आभाव आज भी है। दूषित पेयजल, टूटी सड़क, सीवर भराव, वर्षा जलभराव, अतिक्रमण ने फजलगंज इंडस्ट्रियल क्षेत्र को जकड़े रखा है।
आये दिन लगने वाले जाम की वजह से जहां उद्यमियों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं यहां आने-जाने वाले लोग भी परेशान हो रहे हैं। उद्यामियों का कहना है कि प्रशासनिक बैठकों व उद्योगबंधु की बैठकों में समस्या उठाई जाती है, कार्यवृत्त बनता है और फिर से अधिकारी शांत होकर बैठ जाते हैं। फजलगंज इंडस्ट्रियल क्षेत्र हीन भावना का शिकार हो गया है।
10 सड़कें पूरी तरह से खस्ताहाल
उद्यमी उमंग अग्रवाल ने बताया कि क्षेत्र में जेके जूट से केसा तिराहा, केसा तिराहा से बैंक ऑफ बड़ोदा तक सड़क और नाली खस्ताहाल है। बैंक ऑफ बड़ोदा से फायर ब्रिगेड तिराहा तक फुटपाथ गायब हो गया है। यहां नाली भी नहीं है। बरसात में जलभराव होता है।
गड़रियन पुरवा से रॉयल धर्मकांटा वाली रोड, शताब्दी ट्रैवल्स और लाखन होटल वाली सड़क समेत 10 सड़कें खस्ताहाल है। फुटपाथ पर तमाम कब्जे हैं। मैकेनिक फुटपाथ पर कब्जा कर गाड़ियां बनाते हैं। जिसकी वजह से राहगीर जाम के साथ ही दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। यहां फुटपाथ तक बेंचे जा रहे हैं। नगर निगम सिर्फ फौरी कार्रवाई करता है चला जाता है। कर देने के बाद भी हम लोग परेशानी झेल रहे हैं।
दो वर्ष से एक काम नहीं हुआ है। झाडू तक नहीं लगती है। सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। लोग बिल्डिंग मैटेरियल फुटपाथ पर रखकर बेंच रहे हैं। इन सबके बीच जाम लगता है। - उमंग अग्रवाल, महासचिव, फीटा उद्योग व्यापार संघ
अतिक्रमण अभियान प्रभावी ढ़ंग से चलाया जाना जरूरी है। पानी बरस जाये तो निकलना दूभर होता है। कई गलियों में तो कमर तक पानी भर रहा है। कोई सुनवाई नहीं होती है। - विनय मित्तल, संरक्षक, लोहा व्यापार समिति
मुझे तो लगता है कि फजलगंज इंडस्ट्रियल क्षेत्र को अधिकारियों ने अपनी विकास की सूची से हटा दिया है। उद्योग बंधु की बैठक में तमाम बार शिकायतें की गई हैं पर कोई सुनवाई नहीं है। - बलराम नरूला, होजरी मैन्युफैक्चरर संघ
यहां का इतिहास इतना बड़ा है, इसके बाद भी कोई सुनवाई नहीं हाती है। जब से नये नगर आयुक्त आये हैं एक बार भी यहां समस्या देखने नहीं आये। अधिकारियों को सब पता है लेकिन कार्य नहीं करना चाहते। - शिव कुमार गुप्ता अध्यक्ष, दी यूपी इंडस्ट्रियल एस्टेट मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन
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