प्रयागराज : बिना अपराध किए केवल गिरोह का सदस्य होने पर गैंगस्टर एक्ट लागू नहीं- हाईकोर्ट

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Published By Vishal Singh
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प्रयागराज , अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट के तहत किसी व्यक्ति को दोषी करार देने के मामले में अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी में कहा कि किसी व्यक्ति को आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय संलिप्तता के बिना किसी गिरोह में केवल सदस्यता के आधार पर उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1986 के तहत दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। 

कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि गैंगस्टर एक्ट के तहत दोषी व्यक्ति को सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ना या भौतिक लाभ प्राप्त करने के उद्देश्य से आपराधिक गतिविधियों में सक्रिय रूप से शामिल होना आवश्यक है, जैसा कि अधिनियम की धारा 2(बी) में उल्लिखित है। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक कुमार बिड़ला और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने सुकर्म पाल उर्फ अमित जाट के खिलाफ पुलिस स्टेशन अलीपुर, चंदौली में गैंगस्टर एक्ट की धारा 3(1) के तहत दर्ज प्राथमिकी को इस आधार पर रद्द कर दिया कि प्राथमिकी अवैध है, क्योंकि इसमें गैंगस्टर एक्ट के लिए आवश्यक कानूनी नियमों का अनुपालन नहीं किया गया है। कोर्ट ने माना कि प्राथमिकी के आधार पर की गई कार्यवाही भी गैरकानूनी थी, जिसे बरकरार नहीं रखा जा सकता है।

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