प्रयागराज: रामलीला से सनातन धर्म और परंपरा को मिल रही मजबूती- शांडिल्य महराज 

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Published By Vishal Singh
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- नैनी रामलीला में किया मुकुट पूजन

नैनी, अमृत विचार: जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महराज श्रृंगवेरपुर धाम ने जनसेवा समिति रामलीला कमेटी, सरगम, नैनी,  प्रयागराज का मुकुट पूजन किया। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सबसे समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा रही है। यह एक - दूसरे को सदैव जोड़ता और समृद्ध करते हुए आगे बढ़ाता है जिसका लाभ समाज के सभी वर्ग के लोगों को मिलता है। जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महराज ने कहा कि आज हम युवा पीढ़ी को रामलीला के मंचन, दशहरे के माध्यम से सनातन धर्म के महत्व, पौराणिकता, परंपरा  और प्राचीनता के महत्व की जानकारी देते हैं इससे सनातन धर्म को और मजबूती मिलेगी। जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य महराज ने 

आयोजन समिति के पदाधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि रामलीला, दशहरे का आयोजन और व्यापक स्तर पर होना चाहिए जिससे कि हमारी युवा पीढ़ी समृद्ध सनातन धर्म और परंपरा को अधिक से अधिक जानकारी उनको मिल सके।

उन्होंने कहा कि हम और आप भगवान श्रीराम, माता जानकी, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, राजा दशरथ ,राजा जनक, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि वशिष्ठ सहित अन्य के जीवन, चरित्र से बहुत कुछ सीखते हैं जिससे जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है। इसके पूर्व आयोजन समिति के संयोजक हरि शंकर सिंह, अध्यक्ष रवि सिंह, महामंत्री विनय सिंह, आरएल डी दुबे, विद्याकांत पांडे, पं बबलू मिश्रा , माहेश्वरा नन्द सहित अन्य लोगों ने जगद्गुरु स्वामी नारायणाचार्य शांडिल्य जी महराज श्रृंगवेरपुर धाम का माल्यार्पण कर भव्य स्वागत और अभिनन्दन किया। आयोजन समिति के संयोजक हरिशंकर सिंह, अध्यक्ष रवि सिंह और महामंत्री विनय सिंह ने रामलीला के आयोजन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

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