Kanpur: हाईवे पर खड़ी डीसीएम में घुसी कार, टक्कर के बाद कार के उड़े परखच्चे, दरोगा और युवती की मौत

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। महाराजपुर थानाक्षेत्र के एनएच 2 हाईवे पर गुरुवार दोपहर एक दर्दनाक हादसा हो गया। कानपुर से फतेहपुर जाते समय झपकी आ जाने के कारण हाईवे किनारे खड़े डीसीएम में पीछे से तेज रफ्तार में कार घुस गई। जिससे कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे में डीजी कार्यालय लखनऊ में तैनात सहायक उपनिरीक्षक और बगल में बैठी युवती की मौत हो गई। वहां का दृश्य देख राहगीरों के रोंगटे खड़े हो गए। इस पर पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने आसपास ग्रामीणों की मदद से कड़ी मशक्कत के बाद रस्से से गाड़ी को डीसीएम से बाहर निकलवाया। इसके बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा। जहां डॉक्टर ने मौत की पुष्टि की। इसके बाद पास मिले आई़डी और कागजात के आधार पर परिजनों को हादसे में मौत की जानकारी दी गई। हादसे के बाद डीसीएम चालक फरार हो गया, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है।   

बर्रा 8 निवासी रणकेंद्र सिंह के 27 वर्षीय पुत्र सागर सिंह सेंगर सहायक उपनिरीक्षक पद पर पुलिस मुख्यालय (डीजी) लखनऊ में तैनात थे। सागर सिंह वैगनकार कार से गुरुवार दोपहर करीब एक बजे विजय बहादुर सिंह की 25 वर्षीय पुत्री वैशाली सिंह निवासी रायबरेली के साथ फतेहपुर की ओर जा रहे रहे थे। बताया जा रहा है, कि कार एमजीए कॉलेज के पास पहुंची ही थी कि दरोगा सागर सिंह सेंगर को झपकी लगने से कार अनियंत्रित होकर सीधे हाईवे किनारे खड़े डीसीएम के पीछे घुस गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई कार में दोनों को गंभीर चोटें आ गईं। कार में चीखपुकार मच गई।

हादसा देख ग्रामीण दौड़े और पुलिस को सूचना दी। महाराजपुर इंस्पेक्टर संजय पांडेय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से रस्से और अन्य चीजों से डीसीएम में घुसी कार को घसीटने की कोशिश की। करीब आधा घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद कार को बाहर निकाला जा सका। लेकिन तब तक दरोगा और युवती की सांसे थम चुकी थीं। पुलिस ने एंबुलेंस की मदद से दोनों को सरसौल स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया। जहां डॉक्टर ने दोनों का चेकअप कर मृत घोषित कर दिया। हादसे के बाद फरार डीसीएम चालक की पुलिस तलाश कर रही है। पुलिस ने हादसे की जानकारी फोन पर मृतकों के परिजनों को दी। घटना की जानकारी मिलती ही परिजनों में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रो बुरा हाल है। 

पुलिस कार्ड व आधार कार्ड से हुई शिनाख्त

महाराजपुर पुलिस ने बताया कि हादसे के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवती का बैग व कुछ कागजात पाए। बैग में युवती का आधार कार्ड व युवक के पास से पुलिस का कार्ड पाया गया। जिससे दोनों की पहचान हो सकी। इसके बाद हादसे में मौत की जानकारी फोन पर परिजनों को दी गई। इस संबंध में महाराजपुर इंस्पेक्टर संजय कुमार पांडेय ने बताया कि दरोगा और युवती के बीच क्या संबंध हैं, इसकी जांच की जा रही है। 

शव देखते फफक पड़े पिता, घर में मां हुई बेसुध 

दरोगा की महाराजपुर में हादसे में मौत की सूचना जैसे ही घर पहुंची तो परिजनों को विश्वास ही नहीं हुआ। क्योंकि सोमवार को ही सागर घर से लखनऊ ड्यूटी पर जाने की बात कह निकला था। वो कैसे और क्यूं कार से युवती के साथ कानपुर से फतेहपुर की तरफ जा रहा था इस सवाल का जवाब पुलिस के पास नहीं है। बेटे की मौत की सूचना के बाद पिता रणकेंद्र सीएचसी पहुंचे तो शव देख फफक पड़े। वहीं घर में मां सुमन बार-बार बेटे सागर को याद कर बेसुध हुई जा रही थीं। रोते हुए रणकेंद्र कह रहे थे कि बेटे के भविष्य को लेकर न जाने कितने अरमान सजाए सीने में दबाए बैठे थे।

आखिर कौन है यह महिला 

पुलिस ने जब दोनों के शवों को क्षतिग्रस्त कार से निकाला तो उनकी आईडी और कागजात मिले। जिसके आधार पर नाम की जानकारी तो पुलिस को हो गई। लेकिन इस बात की पुष्टि पुलिस ने नहीं की कि वह दोनों पति पत्नी हैं। पुलिस उस युवती का नाम तक बताने से भी कट रही है। आखिर वह युवती है कौन ? महाराजपुर पुलिस का कहना है, कि हालांकि, दोनों की बिरादरी एक हैं, लेकिन उसका दरोगा से क्या रिश्ता है इसकी जानकारी की जा रही है। 

कॉल सेंटर में करती थी नौकरी

पुरवामीर चौकी इंचार्ज प्रभा शंकर ने बताया कि कार में बैठी रायबरेली निवासी वैशाली सिंह भी लखनऊ में एक कॉल सेंटर में काम करती थी और वहीं रहती थी। परिजनों ने बताया कि वैशाली का कानपुर में किसी बीमारी का इलाज भी चल रहा था। इसी के चलते उसका आना-जाना कानपुर भी रहता था।

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