Barabanki News : सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने सांसद को सौंपा मांगपत्र, कहा अल्प पेंशन में कैसे कटे जीवन

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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बाराबंकी, अमृत विचार : ईपीएस95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के जिलाध्यक्ष सतीश चन्द्र अग्निहोत्री व जिला सचिव नरेश कुमार राय ने सांसद तनुज पुनिया को पेंशन भोगियों की समस्याओं का चार सूत्री मांगपत्र सौंपकर भारत सरकार के श्रम मंत्री मनसुख एल. मांडविया व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से वार्ता कर उसके निदान का अनुरोध किया।

सांसद को दिये मांग पत्र में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जनपदीय अध्यक्ष व सचिव ने बताया कि ईपीएस95 पेंशनरों को सार्वजनिक उपक्रमों, सहकारी एवं निजी संस्थानों में 30 से 35 वर्ष तक सेवा करने के बाद पेंशन फंड में शासकीय नियमानुसार प्रति माह 417 रूपये, 541 रूपये व 1250 रूपये का अंशदान करने के बावजूद भी औसतन मात्र 1170 रूपये मासिक पेंशन मिलती है। इतनी अल्प पेंशन में कोई भी वृद्ध दम्पति कैसे अपना गुजारा कर सकता है। वर्ष 2013 में कोशियारी समिति ने 3000 रूपया मासिक पेंशन एवं महंगाई भत्ता दियो जाने की सिफारिश की थी, लेकिन 2014 में न्यूनतम पेंशन बिना महंगाई भत्ते के 1000 रूपया निर्घारित की गई। आज भी 36 लाख से अधिक पेंशनरों को 1000 से कम मासिक पेंशन मिलती है और तभी से देश के लाखों लाख पेंशनर अपनी चार सूत्री मांगों को लेकर संघर्षरत हैं।

जिसमें बहुत से पेंशनरों की जीवन लीला हर वर्ष परेशानी में ही समाप्त हो जाती है। संगठन ने सांसद तनुज पुनिया से देश के 28 राज्यों के 78 लाख पेंशनर की समस्या का निदान कराने की मांग की। सांसद तनुज पुनिया कोदिये मांग पत्र में राष्ट्रीय संघर्ष समिति के जनपदीय पदाधिकारियों ने पहली मांग न्यूनतम पेंशन 1000 से बढ़ाकर 7500 प्लस महंगाई भत्ता (कोशियारी समिति राज्यसभा पिटीशन 147) की सिफारिस के अनुसार 10 वर्षों में बढ़ी हुयी महंगाई को देखते हुये की है। दूसरी मांग पदाधिकारियों ने ईपीएस95 के पेंशन धारकों एवं उनके जीवन साथी को मुफ्त चिकित्सा व्यवस्था की सुविधा दिलाये जाने की की है।

तीसरी मांग पदाधिकारियों ने सभी पेंशन भोगियों को बिना किसी भेद भाव के उच्चतम न्यायालय के निर्णय के निर्णय अनुसार वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन लाभ देने और गैर ईपीएस पेंशन भोगियों को 5000 रूपये मासिक पेंशन की चौथी मांग की गई। वहीं सांसद तनुज पुनिया ने पेंशनभोगियों को आश्वासन दिया की इस गम्भीर मुद्दे पर वो हर तरह से वृद्ध पेंशनभोगियों के साथ हैं और उनकी इस पीड़ा को पूरी जिम्मेदारी के साथ सदन में उठाकर और जायज मांगों को देश के श्रम मंत्री एवं वित्त मंत्री के संज्ञान में पूरी जिम्मेदारी से लाकर न्याय दिलाने का काम करेंगे।

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