Exclusive: प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम से कहा- जैविक शोधन बिना नालों का पानी गंगा में न जाए, जांच के लिए कमेटी बनाने के निर्देश

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Published By Deepak Shukla
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अभिषेक वर्मा, कानपुर। महाकुंभ पर स्वच्छ गंगा जल उपलब्ध कराने की शासन की मंशा पूरी करने में जुटे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नगर निगम से साफ कह दिया है कि गंगा और पांडु नदी में अनटैप्ड नालों का पानी जैविक विधि से शोधन (बायोरेमिडिएशन) के बाद ही गिराया जाए। इसके साथ ही नगर निगम अपने अधिकारियों को नामित करे, ताकि उनके साथ नालों से गिरने वाले पानी की जांच करके रिपोर्ट शासन को भेजी जा सके। टीम बंद किए जा चुके नालों से ओवरफ्लो होकर गंगा में पानी गिरने का भी औचक निरीक्षण करेगी। 

प्रयागराज में महाकुंभ के बावजूद अभी तक कानपुर में नालों का सीवेज गंगा और सहायक पांडु नदी में जा रहा है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड  के अनुसार कानपुर नगर में 6 अनटैप्ड सीवेज नाले रानीघाट नाला, गोलाघाट नाला, सत्तीचौरा नाला, डब्का नाला, मदारपुर नाला, किशनपुर नाला व आंशिक टैप्ड और ओवरफ्लो 2 नाले परमिया, गुप्तारघाट नाला गंगा में सीधे मिल रहे हैं। 

गंगा की सहायक पांडु नदी में 3 अनटैप्ड सीवेज नाले पिपौरी नाला, अर्रा नाला, सागरपुरी नाला व आंशिक टैप्ड व ओवरफ्लो 3 नाले हलवाखड़ा नाला, पनकी थर्मल नाला, गन्दा नाला गिर रहा है। शासन ने सभी नालों में बायोरेमिडियेशन कार्य करने के निर्देश दिये हैं। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी अमित मिश्रा ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर कहा है कि बायोरेमिडियेशन कार्य हर हाल में होना है।   नालों के पानी का जैविक उपचार से पहले व बाद का नमूना टीम एकत्र करेगी, ताकि पता चल सके कि बायोरेमिडियेशन के पहले और बाद में पानी में क्या अंतर आ रहा है। 

शासन के निर्देश पर जैविक शोधन का कार्य जरूरी है। नगर निगम को गंगा में गिर रहे अनटैप्ड नालों के पानी की जांच के लिये अधिकारी नामित करने को पत्र लिखा है। जल्द निरीक्षण कर पानी के नमूने लिये जायेंगे, इसके बाद रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। - अमित मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी

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