Kanpur: केडीए के शताब्दी नगर के फ्लैटों की दुर्दशा; अजगर घरों में घुस रहे, कोई रहने को तैयार नहीं, पार्क भी बना कूड़ाघर

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। केडीए की ओर से शताब्दी नगर में बने फ्लैट में शहरवासियों के रुचि न लेने की एक वजह यहां के अधिकारी भी हैं। फ्लैट बसाने और कुछ आवंटन के बाद यहां के लोगों को अनाथ छोड़ दिया गया है। रामगंगा इन्क्लेव में बने फ्लैट में 5 फीसदी ही आवंटी रह रहे हैं जो समस्याओं और अधिकारियों के रूखे रवैये के शिकार हो रहे हैं। रामगंगा टाइप 1 के कई फ्लैट में प्लास्टर गिरने लगा है। 

पार्कों-सड़कों में बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। लोग यहां आस-पास ही कूड़ा फेंक रहे हैं। हालत यह है कि अजगर और सांप निकल रहे हैं। जिससे लोगों में भय फैला हुआ है। सड़कों पर 5-5 फीट तक लंबे गड्ढे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार यह सब देखकर कोई भी यहां रहना नहीं चाहता है। नये खरीदार भी फ्लैटों और आस-पास की दुर्दशा देखकर वापस लौट जा रहे हैं। 

रामगंगा इन्क्लेव टाइप 1 में टू बीएचके फ्लैट बने हैं। इसकी वर्तमान कीमत लगभग 18 लाख रुपये है। फ्लैट्स की संख्या लगभग 940 है। जिसमें करीब 600 से अधिक फ्लैट खाली पड़े हैं। ग्राउंड फ्लोर के कुछ फ्लैट में लोगों ने रहना शुरू किया है। कुछ बहुमंजिला इमारतें तो पूरी तरह से ही खाली हैं। इन फ्लैट्स की हालत खराब है। 

प्लास्टर झरने लगा है, फ्लैट्स के अंदर व आस-पास बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आई हैं। यहां तक पहुंचने वाले मुख्य मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। यहां रहने वाले परिवारों के अनुसार सबसे बड़ी समस्या यहां का खराब कंट्रक्शन है। इतने कम समय में ही यहां भवन जर्जर हो रहे हैं।

कूड़ा उठाने कोई नहीं आता है

यहां रहने वाले लोगों ने बताया कि नगर निगम की ओर से न ही झाडू लगाई जाती है और न ही घरों से कूड़ा उठाने कोई आता है। मजबूरन लोगों को घर के सामने या पार्क में कूड़ा फेंकना पड़ रहा है। कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। यहां रहने वाले अजय ने बताया कि केडीए में शिकायत करो तो वह नगर निगम के ऊपर डालते हैं। 

ओला-ऊबर बुक करो तो राइड कैंसिल कर देते हैं

यहां रह रहे कुछ परिवारों ने बताया कि ओला-ऊबर वाले आने को तैयार नहीं होते हैं। बुक करो तो पूछते ही राइड कैंसिल कर देते हैं। अपने वाहन से ही यहां आया जा सकता है। ऑनलाइन में सिर्फ जौमेटो यहां आता है। बाकी कोई सुविधा यहां नहीं है। 

पार्क की हालत खराब है। सफाई नहीं होती, कूड़ा भी नहीं लेने आते हैं। सांप बिच्छू, अजगर का डर रहता है। सिक्योरिटी के नाम पर एक बूढ़े चौकीदार को रख दिया गया है। हम लोग खुद ही देखभाल किसी तरह कर रहे हैं। - रविकांत श्रीवास्तव, स्थानीय

हम किराये पर रहते हैं। 6 महीने हो गये, जब आये थे तो मकान के आस-पास ही बड़ी-बड़ी झाड़ियां थीं। जिसे खुद ही काटा है। दिन में कई बार अजगर और सांप निकल चुके हैं। इससे बच्चों का डर रहता है। सफाई की कोई व्यवस्था नहीं है। - धर्मेंद्र पाल, स्थानीय

मुझे आये 3 वर्ष हो गये। भवनों का कंट्रक्शन खराब है। चोरियां हो रही हैं। सिक्योरिटी के लिये हम लोगों ने खुद ही एक गेट बंद कर रखा है। लाइटें कुछ जलती हैं और कुछ खराब हैं। अरबन में रहते हैं और रूरल जैसी फीलिंग आती है। पिछले दिनों चोर वाल्व चुराने के लिये भवन पर चढ़ गये थे। - डीडी पांडेय, स्थानीय

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