लखीमपुर खीरी: कॉरिडोर सौंदर्यीकरण के लिए तोड़फोड़ से व्यापारियों में आक्रोश

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Published By Pradeep Kumar
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धरना शुरू, समर्थन में मेला मैदान की बंद रही दुकानें

गोला गोकर्णनाथ, अमृत विचार। छोटी काशी में कॉरिडोर निर्माण में सौंदर्यीकरण के लिए तोड़फोड़ के विरोध में दुकानदारों का गुस्सा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मियाद खत्म होने पर दुकानदारों ने अपने समर्थकों के साथ आंबेडकर पार्क के निकट धरना शुरू किया। उनके समर्थन में मेला मैदान के दुकानदारों ने अपनी दुकाने बंद रखीं। शाम को धरना स्थल पर पहुंचे एसडीएम, सीओ ने बुधवार को फिर व्यापारियों से वार्ता करने के लिए बुलाया है। तोड़फोड़ की जद में आ रहे दुकानदारों का कहना है कि पक्षपात न किया जाए और उन्हें हटाया जा रहा है तो दूसरी जगह दिलाई जाए।

शिव मंदिर कॉरिडोर में सौंदर्यीकरण की जद में जिला पंचायत की 13 दुकानें ढहाकर उनका मलवा हटाकर पब्लिक इंटर कालेज के जूनियर सेक्सन के परिसर में डलवाया जा रहा है। आंबेडकर पार्क के निकट सात दुकानों पर बुधवार से ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू होना है। इसी को लेकर पीड़ित दुकानदारों ने अपने समर्थकों भाजपा नेत्री डॉ प्रीति वर्मा, सिद्धार्थ शुला के साथ धरना शुरू किया। जो दिन भर चलता रहा। मेला मैदान के भयभीत दुकानदारों का कहना है कि आंबेडकर पार्क के पास की दुकानों के बाद उनकी दुकानें भी ध्वस्त की जाएंगी, इसी भय से पीड़ित दुकानदारों का साथ देने के लिए उन्होंने मेला मैदान की सभी दुकानें बंद कर धरने पर बैठे दुकानदारों का समर्थन किया।

दोपहर बाद धरनास्थल पर पहुंचे एसडीएम विनोद कुमार गुप्ता, सीओ गवेंद्रपाल गौतम ने समझाया कि भ्रामक स्थिति में न आएं, मेला मैदान का कॉरिडोर से कोई लेना देना नहीं है। न ही उनकी दुकानें ध्वस्त की जाएंगी। कॉरिडोर की जद में आ रही नगर पालिका की सात दुकानों का ध्वस्तीकरण किया जाना है। इन दुकानदारों को अन्यत्र सिफ्ट करने के मामले में अधिकारियों ने समझाया कि बुधवार को व्यापारियो के साथ फिर बैठक कर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। इस आश्वासन पर दुकानदारों ने अपना धरना स्थिगित कर दिया।

मंदिर परिसर में चलती रही तोड़फोड़ और उठता रहा मलवा
शिव मंदिर सौंदर्यीकरण के लिए जिला पंचायत की ध्वस्त की गई 13 दुकानों का मलबा मंगलवार को भी नगर पालिका परिषद की ट्रालियों से ढोया जाता रहा। तीर्थ परिसर में बैठे मालियों को कहीं भी बैठने के लिए कहकर जगह खाली करा ली गई है। उस स्थान पर भी श्रमिकों से तोड़फोड़ कराई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि सौंदर्यीकरण में मालियों के लिए समुचित व्यवस्था है। पौश का महीना होने से इस समय श्रद्धालुओं की भी संख्या कम हो रही है। ऐसे में माली गोकर्ण तीर्थ की सीढ़ियों पर कहीं भी बैठकर बेलपत्र, फल, फूल बेच सकते हैं।

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