4 वर्षीया आद्या ने बढ़ाया गोंडा का मान: 40 सेकेंड में सुनाई संविधान की प्रस्तावना, 'इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड' में दर्ज होगा नाम

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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गोंडा, अमृत विचार। होनहार बिरवान के होत चिकने पात' यह कहावत जिले की एक होनहार बच्ची पर सटीक बैठती है। जिले के न्यू इंदिरा नगर कॉलोनी में रहने वाली 4 साल की बच्ची आद्या ने अपनी मेधा का परिचय देते हुए भारत के संविधान की आत्मा और कुंजी कहे जाने वाले प्रस्तावना को कंठस्थ कर लिया और महज 40 सेकंड के अंदर प्रस्तावना मौखिक सुना देती है। 

जिले के न्यू इंदिरा नगर कॉलोनी में रहने वाली 4 साल की आद्या एक निजी स्कूल में एलकेजी की छात्रा है और अपनी कक्षा में बेहतर प्रदर्शन करती है। पढाई को साथ वह विभिन्न गतिविधियों में एक्टिव रहती है।आद्या ने अपनी मेधा का परिचय देते हुए भारत के संविधान की आत्मा और कुंजी कहे जाने वाले प्रस्तावना को कंठस्थ कर लिया है और महज 40 सेकंड के भीतर वह पूरी प्रस्तावना मौखिक सुना देती है।

हमारे देश के संविधान की प्रस्तावना के शब्द अत्यंत जटिल और व्यापक अर्थ से परिपूर्ण है जिसे एक वयस्क को पढ़ने और कंठस्थ करने में समस्या आती है। यहां तक की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को भी इसे याद करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। ऐसे में 4 साल की नन्ही आद्या ने इसे कंठस्थ कर 40 सेकंड में मौखिक सुना करके एक मिसाल कायम किया है जो सभी के लिए प्रेरणा स्रोत है।

भारत के संविधान के प्रस्तावना को सबसे कम उम्र की बच्ची द्वारा 38.38 सेकंड के भीतर सुनाने के लिए आद्या मिश्रा का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया जायेगा। आईबीओ टीम ने आद्या के दावे को स्वीकार कर उसका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में शामिल करने की सहमति दे दी है। आद्या मिश्रा के पिता अरुण मिश्रा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक हैं। 

अरुण मिश्रा का कहना है कि वह सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में घर पर सामान्य अध्ययन का एक माहौल पहले से तैयार है। उन्होंने बताया की इस उम्र में बच्चों की स्मरण शक्ति काफी तीव्र होती है जिससे बच्चे जो कुछ भी कंठस्थ करना चाहे कर सकते हैं बस आवश्यकता है उन्हें सही दिशा देने और मार्गदर्शन करने की।

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