मुरादाबाद : बेमतलब साबित हो रही ई-कियोस्क और ई- बाइक, अब बनेगी जनोपयोगी...मंडलायुक्त चिंतित

Amrit Vichar Network
Published By Bhawna
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मुरादाबाद, अमृत विचार। महानगर में स्मार्ट सिटी की बेमतलब साबित हो रही ई-बाइक शेयरिंग और ई-कियोस्क को लेकर मंडलायुक्त चिंतित हैं। उन्होंने नये सिरे से पहल कर जनोपयोगी बनाने के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अधिकारियों से कहा है। क्योंकि जागरूकता की कमी व लोगों की रूचि न लेने से यह दोनों परियोजनाएं बेमतलब साबित हो रही है। ई- बाइक शेयरिंग के लगे बने सेंटर सूने हैं तो ई-कियोस्क जहां तहां पड़े हैं लोग इनके महत्व को ही नहीं जानते पहचानते हैं। जबकि इस परियोजनाओं पर लाखों रुपये खर्च हुए हैं।

महानगर को वाहनों के धुएं से प्रदूषण मुक्त रखने और फिटनेस के लिए ई-बाइक शेयरिंग परियोजना स्मार्ट सिटी की ओर से लागू की गई थी। इसका उद्देश्य किराए पर ई-बाइक उपलब्ध कराकर लोगों को खुद को फिट रखने के लिए अवसर देना था। इसके अन्तर्गत 20 जगहों पर ई-बाइक का केंद्र बनाया गया। शुरुआत में तो युवाओं का रुझान इसके प्रति दिखा लेकिन कुछ समय बाद मोहभंग हो गया। कांठ रोड, पीलीकोठी, सर्किट हाउस सहित कई जगहों पर सेंटर सूने 
पड़े हैं।

यही स्थिति महानगर में स्मार्ट सिटी की ओर से लगे ई-कियोस्क की है। इसके माध्यम से रेल टिकट, प्रमाण पत्र बनवाने आदि के ऑनलाइन आवेदन आदि सुविधा डिजिटल स्क्रीन पर है। सदर तहसील परिसर, नगर आयुक्त के पीलीकोठी स्थित शिविर कार्यालय परिसर के गेट सहित कई अन्य स्थानों पर लगी है लेकिन इसके प्रति लोगों को जानकारी न होने से केवल शोपीस बनकर रह गए हैं। इनका आर्थिक रुप से कोई फायदा नहीं हो रहा है। ऐसे में अब इसे फिर नये सिरे से जनोपयोगी बनाने की पहल मंडलायुक्त करा रहे हैं।

स्मार्ट सिटी की ई-कियोस्क और ई-बाइक शेयरिंग परियोजना उम्मीद के अनुरूप सफल नहीं हुई। जहां तक ई-कियोस्क की बात है तो इसके लिए हर जगह केयर टेकर रखने पर खर्च बढ़ेगा। एक एजेंसी को इसके मानीटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। अधिकारियों से इसके लिए कहा है। नये सिरे से जनता के बीच इन परियोजनाओं को लाया जाएगा। इसे जनोपयोगी व आर्थिक रूप से उपयोगी बनाने की प्लानिंग हो गई है।-आन्जनेय कुमार सिंह, मंडलायुक्त

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