कानपुर के फेथफुलगंज के शांति नगर में विस्फोट होने से कबाड़ी के उड़े चीथड़े: फोरेंसिक समेत बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा
कानपुर, अमृत विचार। रेलबाजार थानाक्षेत्र के फेथफुलगंज इलाके में मंगलवार सुबह भीषण धमाका हो गया। जिसमें कबाड़ी के चीथड़े उड़ गए। दिल दहला देने वाली घटना की आवाज सुनकर लोग इधर-उधर भागने लगे। घटनास्थल पर खून फैल गया वहीं चारों ओर धुआं छाया हुआ था। धमाके की आवाज से आसपास के घरों की शीशे चकनाचूर हो गए और दीवारें चिटक गए। इस घटना में घर के सामने रहने वाली एक महिला को भी चोटें आ गईं, जिसका उपचार कराया गया। घटना की सूचना पर पहुंची रेलबाजार पुलिस ने फोरेंसिक और बम निरोधक दस्ते के साथ गहनता से जांच शुरू की। फिलहाल अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका कि इतनी बड़ी घटना हुई कैसे। पुलिस तेजी से जांच में जुटी है।
घटना की तस्वीरें देखिए...





फेथफुलगंज के गोरा कब्रिस्तान के पास निवासी 65 वर्षीय मोहम्मद रऊफ फेरी लगाकर घर पर ही कबाड़ स्टोर कर छांटते थे। मंगलवार सुबह 10.30 के आसपास घर में अचानक से भीषण धमाका हो गया। धमाके से मोहल्ले व आसपास के लोग दौड़कर मौके पर पहुंचे तो वहां रऊफ का क्षतविक्षत शव पड़ा था और पास खून फैला था। लोगों के अनुसार मकान के बाहर धुआं छाया हुआ था। सूचना पर रेलबाजार थाना प्रभारी बहादुर सिंह फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल के आसपास भीड़ लगाए लोगों को हटाकर जांच शुरू की।
कबाड़ी रऊफ के चेहरा, पेट व पैर का हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। थाना प्रभारी ने पुलिस टीम के साथ शव को उठाकर किनारे किया इसके बाद घटना के पीछे के कारणों को जानने की कोशिश की। घटना को लेकर सिलेंडर ब्लास्ट की अफवाह उड़ी थी। लेकिन पुलिस को सिलेंडर का एक भी अवशेष नहीं मिला। घटना की गंभीरता को देखते हुए मौके पर डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह पहुंचे और जांच कर लोगों से पूछताछ की।
उन्होंने घटनास्थल से एक-एक साक्ष्य एकत्र करने के लिए फोरेंसिक टीम और लखनऊ से बम निरोधक दस्ता को मौके पर बुलाया। दोनों टीमों ने घटनास्थल से एक-एक साक्ष्य एकत्र किए। मौके पर टीम को जले नोट भी बरामद हुए। वहीं एक्सप्लोसिव डिटेक्टिव मशीन से बारीकी से मकान से लेकर आसपास जांच की। टीमें भी यह स्पष्ट नहीं कर पाई कि यह सिलेंडर से धमाका हुआ कि बारूद से। क्योंकि मौके पर दोनों के साक्ष्य नहीं मिले हैं। टीम के अनुसार घटना के बाद इतना ज्यादा लोगों की चहलकदमी हो गई, कि कुछ स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। फिर भी घटना की जांच की जा रही है।
नाती होने पर फतेहपुर जा रहा था परिवार
मोहम्मद रऊफ पांच बेटे वारिस, जाहिद, शाहिद, राशिद और शाकिर और बेटी सायका के साथ रहते थे। घर के ही अगले हिस्से में तकरीबन 12 फीट लंबे प्लॉट में रहकर कबाड़ का काम करते थे। पत्नी महफूल और दो अन्य बेटे आरिफ व वाहिद की बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। बेटे राशिद ने बताया कि फतेहपुर बाकरगंज चौराहा कबाड़ी मार्केट में रहने वाली बड़ी बहन के बेटा हुआ था।
उसी के एक कार्यक्रम में पूरा परिवार फतेहपुर जा रहा था। वह लोग कुछ दूरी तक पहुंचे थे, तभी फोन आने पर धमाके की जानकारी हुई। जिस पर वह लोग निकल लिए। राशिद के अनुसार उस दौरान घर पर सिर्फ पिता रऊफ और बहू शाहिदा और बहन सायका घर पर थी। पिता रोज की तरह घर के बाहर कबाड़ का काम तोड़फोड़ करके लोहा, प्लास्टिक अगल-अलग कर रहे थे। इस दौरान तेज धमाका हुआ कि उनके चीथड़े उड़ गए।
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