महाकुंभ 2025 : सपा प्रमुख अखिलेश यादव बोले, भाजपा सरकार महाकुंभ को आत्म-प्रचार का स्थल न माने

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर हाल में डुबकी लगाने के बाद मंगलवार को कहा कि प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार महाकुंभ को आत्म-प्रचार का स्थान न समझे बल्कि इसे सेवाभाव से देखे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सद्भाव, सौहार्द और सहनशीलता की त्रिवेणी का संगम जब-जब व्यक्ति के अंदर होगा तब-तब “हम सब महाकुंभ का अनुभव करेंगे।

” पार्टी की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, यादव ने कहा कि महाकुंभ 144 साल में एक बार आता है और इससे ये संकल्प लेना चाहिए कि “हमें जो जीवन मिला है वो अलग-अलग दिशाओं से आती हुई धाराओं के मिलन से ही अपना सही अर्थ पा सकता है।” उन्होंने कहा, “ हमें संगम की तरह जीवन भर मेलजोल का सकारात्मक संदेश देना चाहिए। सद्भाव, सौहार्द और सहनशीलता की त्रिवेणी का संगम जब-जब व्यक्ति के अंदर होगा तब-तब हम सब महाकुंभ का अनुभव करेंगे।'' यादव ने कहा कि महाकुंभ में लोग नहीं व्यवस्था अतिविशिष्ट होनी चाहिए और मेला क्षेत्र में वीआईपी (अति विशिष्ट)लोगों के आने से वन-वे किये जाने की वजह से तीर्थयात्रियों को जो समस्या हो रही है, वो नहीं होनी चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “सरकार पिकअप-ड्रॉप के लिए बसें चलाए। अव्यवस्था सिर्फ श्रद्धालुओं को ही नहीं महाकुंभ प्रशासन और प्रबंधन में दिन रात लगे अधिकारियों और कर्मचारियों को भी थका रही है।'' उन्होंने कहा, “इन असुविधाओं को मेरी आचोलना न समझा जाए बल्कि आस्था पूर्ण सुझाव है कि तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किये जाए। ” यादव ने कहा कि भाजपा सरकार महाकुंभ को आत्म-प्रचार का स्थान न मानकर, इसे सेवाभाव से देखे, जिससे शांति की कामना लेकर आए आध्यात्मिक पर्यटकों की यात्रा बिना किसी संघर्ष के शांतिपूर्ण रूप से सम्पन्न हो सके। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुंभ का बजट 10 हजार करोड़ रुपये है। इस बजट में जो सुविधाएं होनी चाहिए थी वह सुविधाएं नहीं है।

” यादव ने कहा, “लोगों को लम्बी दूरी तक पैदल चलाना पड़ रहा है। महाकुंभ में श्रद्धालुओं की जितनी भारी भीड़ है उसके हिसाब से शौचालयों की व्यवस्था नहीं है। जो शौचालय हैं भी उनमें पानी की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।” इस बीच पार्टी ने एक अन्य बयान में कहा कि 27 जनवरी से प्रदेश के सभी जिलों में बूथ स्तर पर पीडीए (पिछड़ा दलित अल्पसंख्यक) पंचायतों का आयोजन शुरू हो गया है।

पार्टी ने कहा, “2027 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने और अखिलेश यादव को उप्र का मुख्यमंत्री बनाने के संकल्प के साथ यह कार्यक्रम अनवरत जारी रहेगा।” यादव ने घर-घर पीडीए पर्चा पहुंचाने की अपील करते हुए कहा है कि प्रभुत्ववादियों और उनके साथियों के लिए बाबा साहेब आंबेडकर सदैव से एक ऐसे व्यक्तित्व रहे हैं, जिन्होंने संविधान बनाकर शोषणात्मक-नकारात्मक प्रभुत्ववादी सोच पर पाबंदी लगाई थी। उन्होंने कहा, “इसीलिए ये प्रभुत्ववादी हमेशा से बाबा साहेब के खिलाफ रहे हैं और समय-समय पर उनके अपमान के लिए तिरस्कारपूर्ण बयान देते रहे हैं।

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