कानपुर में धमाके का मामला: बाएं हाथ-पैर की उंगलियां उड़ीं, अधिक रक्तस्राव से कबाड़ी की मौत, बारूद के कण नहीं मिले

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। फेथफुलगंज में धमाके में मारे गए कबाड़ी मो. रऊफ के पोस्टमार्टम से पता चला कि उसका बायां हाथ उड़ गया था। दोनों पैरों की आधी-आधी उंगलियां भी उड़ गई थीं। चेहरे और पेट का हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त मिला। पोस्टमार्टम प्रभारी डॉ नवनीत चौधरी के अनुसार रऊफ की प्रथम दृष्टया अधिक रक्तस्त्राव से मौत हुई है। उनके अनुसार मृतक के शरीर पर सिलेंडर के गैस की गंध और बारूद के कण नहीं मिले हैं। फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। रऊफ का बिसरा, कपड़े और बाल सुरक्षित किए गए हैं। 

10 फीट ऊपर तक धमाके के निशान 

धमाका इतना तेज था कि उसके निशान आसपास की बिल्डिंग में 10 फीट ऊपर तक पहुंच गए। लोगों के घरों के दरवाजों तक में छेद हो गए। मृतक का एक अंगूठा आजाद के घर के बाहर जीने पर पड़ा मिला। गनीमत रही कि धमाके के समय कोई बाहर नहीं था और न ही वहां से गुजर रहा था। इस कारण और की जान बच गई। 

चौखट टूटी, लचक गया पाड़

बताया जा रहा है कि कबाड़ी रऊफ अपने मकान के बाहर बैठकर कबाड़ छांट रहे थे, इतने में तेज धमाका हो गया। धमाके के कारण मकान की चौखट और पाड़ लचक गया। अंदर उसकी गृहस्थी भी फैली पड़ी थी। चारों ओर केवल खून फैला था।  

आधा किमी तक दहला इलाका, टूटे शीशे, चिटकीं दीवारें 

अमृत विचार। रेलबाजार थानाक्षेत्र के घनी आबादी वाले मुस्लिम बहुल क्षेत्र फेथफुलगंज में हुए भीषण धमाके की आवाज तकरीबन आधा किलोमीटर तक सुनाई दी। आसपास के लोगों के घरों के शीशे चकनाचूर हो गए और दीवारें चिटक गईं। जबरदस्त धमाके के कारण लोग दहशत में मकानों में ताला डालकर भाग निकले। 

अगल-बगल रहने वाले जीशान, आजाद, छंगा के अनुसार धमाका इतना तेज था कि सब धुआं धुआं हो गया। काफी सारी चीजें उछलकर आसपास की गलियों में जाकर गिरीं। रऊफ के घर के बाहर लगा बिजली मीटर और रखा सामान क्षतिग्रस्त होकर वहां फैल गया। आसपास के जो लोग छज्जों पर खड़े थे वो झटके से गिर गए। कुछ के सिर व हाथ में जख्म हो गए। मौके पर सैकड़ों लोगों की भीड़ लग गई। 

सिलेंडर फटने की उड़ी अफवाह 

पहले छोटे सिलेंडर के फटने की अफवाह उड़ी। पुलिस ने जांच शुरू की तो सिलेंडर का एक भी अंश मौके पर नहीं मिला। पुलिस सूत्रों ने बताया कि घटनास्थल और घर पर बारूद की भी गंध नहीं मिली। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हो सकता है कि रऊफ फ्रिज का कंप्रेशर या फिर बैट्रा तोड़ रहा हो और तेज धमाका हो गया। पास में औजार फैले पड़े थे।

नाती होने पर फतेहपुर जा रहा था परिवार

मोहम्मद रऊफ पांच बेटे वारिस, जाहिद, शाहिद, राशिद और शाकिर और बेटी सायका के साथ रहते थे। घर के अगले हिस्से में तकरीबन 12 फीट लंबे प्लॉट में रहकर कबाड़ का काम करते थे। पत्नी महफूल और दो बेटों आरिफ व वाहिद की मौत हो चुकी है। बेटे राशिद ने बताया कि फतेहपुर बाकरगंज चौराहा कबाड़ी मार्केट में रहने वाली बड़ी बहन के घर एक कार्यक्रम में पूरा परिवार फतेहपुर जा रहा था। 

वह लोग कुछ दूरी तक पहुंचे थे तभी फोन आने पर धमाके की जानकारी हुई। राशिद के अनुसार उस दौरान सिर्फ पिता रऊफ और बहू शाहिदा और बहन सायका घर पर थी। पिता रोज की तरह घर के बाहर कबाड़ का काम तोड़फोड़ करके लोहा, प्लास्टिक अगल-अलग कर रहे थे। इस दौरान तेज धमाका हुआ कि उनके चीथड़े उड़ गए।

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