इंडियन ओवरसीज बैंक में हुई चोरी के मामले में नया खुलासा : चोरों लॉकर पुलिस ने तोड़े, गहने-जेवर मिलने की उम्मीद

Amrit Vichar Network
Published By Vinay Shukla
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लखनऊ, अमृत विचार : इंडियन ओवरसीज बैंक में 42 लॉकर काटकर करोड़ों रुपये के जेवरात व नकदी चोरी के मामले में बरामदगी पर सवाल खड़े हुए तो उच्चाधिकारियों ने पुलिस टीम पर कार्रवाई कर दी। इसके बाद से पीड़ितों के जेवरात व नकदी वापस मिलने की उम्मीद भी धुंधली होती जा रही हैं। पीड़ितों का दर्द छलकने लगा है। पीड़ित पुलिस पर आरोप लगाने के साथ मुख्यमंत्री से मिलकर फरियाद करने की बात कह रहे हैं।

चोरी के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ दबिश दी। मुठभेड़ में दो आरोपियों की मौत हो गई थी और 5 को गिरफ्तार किया गया था। पीड़ितों के जेवर और नकदी वापस करने के लिए विशेष टीम का गठन किया गया। खुलासे में शामिल डीसीपी पूर्वी की स्वाट और सर्विलांस टीम पर ही बरामदगी में हेरफेर के गंभीर आरोप लग गए। डीसीपी ने टीम को पहले टीम को भंग किया फिर 24 घंटे बाद टीम में शामिल पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। टीम पर आरोप लगने से पीड़ितों की जेवर व नकदी मिलने की उम्मीद टूटने लगी है।

अर्चना श्रीवास्तव ने कहा कि गहने और सारा सामान वापस दिलाने की उम्मीद थी, अब उन्हीं पर अंगुली उठ गई तो उम्मीद टूटने लगी है। सुमन ने बताया कि घटना के बाद से कोतवाली और बैंक के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन कहीं से भी सही जानकारी नहीं दी जा रही है। दो अन्य महिलाओं ने कहा कि उनके लाकर से भी चोरी हुई थी। अब न पुलिस सहयोग कर रही है और न ही बैंक के अधिकारी कुछ स्पष्ट जानकारी दे रहे हैं। दोनों जगह गोलमोल जवाब मिल रहा है। अर्चना और सुमन की तरह ही दर्जन भर पीड़ित जांच के नाम पर बैंक और कोतवाली के चक्कर लगा रहे हैं।

विवेचना कर रहे गोमती नगर इंस्पेक्टर राजेश त्रिपाठी पर भी पीड़ितों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। पीड़ित मोहित वैश्य ने कहा कि सभी लोग कई बार चिनहट और गोमती नगर कोतवाली गए हैं, लेकिन कुछ हल निकलता नहीं नजर आ रहा। जल्दी ही उच्चाधिकारियों से मिलेंगे। अगर सुनवाई नहीं हुई तो मुख्यमंत्री योगी से मिलकर शिकायत करेंगे और न्याय की मांग करेंगे। जल्द ही पीड़ित एक बैठक भी करेंगे।

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