बरेली: छात्र-छात्राओं ने मेहनत और लगन से छुआ उम्मीदों का गगन
बरेली,अमृत विचार। रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में आयोजित बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में कोरोना संक्रमण के बावजूद मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग की डिग्री पाने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरे पर कड़ी मेहनत का फल मिलने की खुशी साफ झलक रही थी। ऐसा लग रहा था कि उम्मीदों के गगन को …
बरेली,अमृत विचार। रोहिलखंड मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के ऑडिटोरियम में आयोजित बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में कोरोना संक्रमण के बावजूद मेडिकल, डेंटल और नर्सिंग की डिग्री पाने वाले छात्र-छात्राओं के चेहरे पर कड़ी मेहनत का फल मिलने की खुशी साफ झलक रही थी। ऐसा लग रहा था कि उम्मीदों के गगन को छात्र-छात्राओं ने कड़ी मेहनत और लगन से पा लिया हो। उनके भाव और वक्तव्यों से लग रहा था कि बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में सीखे चिकित्सीय ज्ञान से वे समाज और देश के लोगों की सेवा करके एक अच्छा संदेश देंगे। यही नहीं, सुनहरे भविष्य की परिकल्पना करके भी छात्र-छात्राओं के मुखारबिंदु पर अजीब सा संतोष और खुशी झलक रही थी।
कोरोना संक्रमण काल की वजह से दीक्षांत समारोह में बेहद कम संख्या में छात्र-छात्राओं को आमंत्रित किया गया था जिससे वहां सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन कराया जा सके। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार, विशिष्ट अतिथि भाजपा के सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, कुलाधिपति डा. केशव कुमार अग्रवाल, प्रो चांसलर डा. अशोक अग्रवाल, प्रो वाइस चांसलर डा. किरन अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को जब मंच पर बुलाकर डिग्री दी। इसके साथ ही अतिथियों ने छात्र-छात्राओं को आशीर्वचनों से भी नवाजा। कार्यक्रम समापन होने के बाद उपाधि पाने वाले छात्र-छात्राओं ने एकदूसरे को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं, इसके साथ ही खूब फोटो क्लिक कराए। दोस्तों संग यादों को सहेजने के लिए सभी उपाधिधारकों ने ग्रुप फोटो भी क्लिक कराए। इसके बाद वहां पर सेल्फी लेने का दौर भी लंबे समय तक चला। दीक्षांत समारोह में मुख्य रूप से डा. प्रज्ञा मिश्रा, डा. वरुण अग्रवाल, डा. अर्जुन अग्रवाल, डा. चीना गर्ग की उपस्थिति रही।
रोल माडल की तरह मानव और मानवीयता की रक्षा करें डाक्टर : कुलाधिपति
दीक्षांत समारोह को आरंभ करने के साथ ही कुलाधिपति डा. केशव कुमार अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं से कहा कि इस पृथ्वी पर मानवीयता की रक्षा करने के लिए भगवान ने तुम्हें डाक्टरी की विद्या दी है। इससे आप एक रोल माडल की तरह मानव और मानवीयता की रक्षा करें। कानून का पालन करने के साथ ही मरीजों की बात को बहुत ध्यान से सुनें, उनका इलाज सोच समझकर करें। कोई दिक्कत होने पर किताबों और वरिष्ठों से मार्गदर्शन लें। उन्होंने नर्सिंग के छात्र-छात्राओं से कहा कि नर्स को सिस्टर कहा जाता है। यही वजह है कि मरीज उनसे अपेक्षा करता है कि वे उनकी देखभाल बहन की तरह करेंगीं। आपके मृदुल व्यवहार से ही मरीज का आधा रोग खत्म हो जाता है, इसलिये अपना व्यवहार बेहद विनम्र बनाए रखें।
डा. अशोक अग्रवाल ने की केंद्रीय मंत्री संतोष की प्रशंसा
कार्यक्रम के समापन से पूर्व आभार जताते हुए प्रो चांसलर डा. अशोक कुमार अग्रवाल ने मुख्य अतिथि के सादगीपूर्ण व्यवहार का उदाहरण देते हुए कहा कि संतोष गंगवार जब पहली बार केंद्रीय मंत्री बने थे तो वह अपने दोस्त की बाइक से शहर में घूमे थे। वह अपने विरोधी दलों के दुख-सुख में शामिल होने से परहेज नहीं करते हैं। उनकी सादगीपूर्ण जीवनशैली सभी के लिए प्रेरणादायी है। ऐसे व्यक्तित्व को दिलो-दिमाग में उतारने से जीवन में तरक्की की सीढ़ियां आसानी से चढ़ी जा सकती हैं। इसके साथ ही कहा कि विशिष्ट अतिथि शिव प्रकाश अच्छे वक्ता, स्तंभकार, लेखक और साहित्यकार हैं। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया है।
डिग्री रूपी ब्रह्मास्त्र का सही दिशा में करें इस्तेमाल : डा. किरन
बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी की प्रो वाइस चांसलर डा. किरन अग्रवाल ने कहा कि छात्र-छात्राएं खुश हैं कि उन्हें डिग्री मिल रही है। यह याद रखें कि आपके हाथ में जो डिग्री रूपी ब्रह्मास्त्र है, यह सही दिशा में चले। इसका दुरुपयोग न हो पाए। उन्होंने मिसाइलमैन पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए कहा कि जब उनकी मौत हुई तो संपत्ति के रूप में उनके पास कुछ नहीं था, लेकिन उन्होंने समाज को बहुत कुछ दिया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को सत्य और ईमानदारी के साथ काम करने व पक्षियों की तरह अपने पंखों पर भरोसा करने की सीख देते हुए आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, साथ ही उनके कामयाब होने के लिए शुभकामनाएं भी दीं।
केंद्रीय मंत्री बोले- डा. केशव ने बरेली को चिकित्सा के क्षेत्र में नई बुलंदियों पर पहुंचाया
केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने डा. केशव कुमार अग्रवाल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने बरेली क्षेत्र को चिकित्सा के क्षेत्र में नई बुलंदियों पर पहुंचाया है, साथ ही उनके द्वारा की जा रही समाजसेवा की जितनी तारीफ की जाए कम है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने जब डा. केशव अग्रवाल को ईएसआईसी से जोड़ा तो उनके कार्य को देखकर वह खुद बहुत प्रभावित हुए। उनके निर्देशन में बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी तेजी से उन्नति की राह पर बढ़ रही है। छात्र-छात्राओं से कहा कि आप सभी भी उनके साथ तरक्की करेंगे।
अंतिम व्यक्ति के बारे में सोचकर करें काम
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय कहते थे कि कोई काम शुरू करने से पहले यह सोचो कि इससे समाज के अंतिम व्यक्ति को कितना लाभ होगा। उन्होंने डॉक्टरी पेशे को बेहद चुनौतीपूर्ण और समाजसेवा करने वाला पेशा बताया। केंद्रीय मंत्री बोले कि उनका परिवार कोरोना संक्रमण से संक्रमित हो गया, लेकिन जब उनके नाती का जन्मदिन था तो वहां के स्टॉफ ने उसका जन्मदिन बेहद अच्छे तरीके से मनाया। इससे साफ पता चलता है कि आप लोगों का काम किस तरह से प्रभावित करता है।
समाज के प्रति संवेदनशील और सहानुभूति रखने की दी सलाह
विशिष्ट अतिथि भाजपा के संगठन मंत्री शिवप्रकाश सिंह ने अपने उद्बोधन के दौरान समाज के प्रति संवेदनशील, जिम्मेदार और सहानुभूति रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हम जब भी डॉक्टर, इंजीनियर, अफसर या अन्य कोई सफलता अर्जित करते हैं तो लगता है कि यह हमारी मेहनत और परिवार की ओर से खर्च की गई धनराशि का परिणाम है, जबकि होता यह है कि इसमें समाज का बड़ा योगदान होता है, इसलिए जब हम किसी काबिल हो जाएं तो समाज को उससे ज्यादा लौटाने की कोशिश करें। इसके लिए उन्होंने मिसाइलमैन एपीजे अब्दुल कलाम के विजन 2020 का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि समाज के प्रति संवेदना रखनी चाहिए, क्योंकि हमारी योग्यता समाज में रहकर ही संभव है। इसके लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय के कहे वाक्यों का उदाहरण देते हुए बोले कि कोई भी शुभ कार्य या मुश्किल वक्त होने पर समाज की उपयोगिता होती है। उन्होंने कहा कि डाक्टरों में मानवता, दया, समाजहित का भाव रहना चाहिए।
भारतीय चिंतन पर विचार व्यक्त करते हुए भाजपा के संगठन महामंत्री शिवप्रकाश सिंह ने कहा कि पश्चिमी देशों ने सिर्फ तन का इलाज किया, मन का नहीं। भारतीय चिंतन में मन के इलाज पर भी जोर दिया गया। भारतीय आर्युविज्ञान में खुले दिमाग के साथ शोध करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सभी चिकित्सा पद्धतियां नाकाम साबित हुईं तब काढ़ा और अन्य भारतीय दवाएं कारगर निकलीं। छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि देश को अग्रणी बनाने के लिए हम सभी को 130 करोड़ भारतवासियों को सुखी, समृद्ध और आरोग्य बनाने की सोच रखकर काम करना होगा।
इनकी गरिमामयी मौजूदगी रही
इस दौरान आरएसएस के विभाग प्रचारक आनंद, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन शर्मा, जिला महामंत्री शिव प्रताप सिंह, प्रदेश मंत्री पुष्कर सिंह काला, वरिष्ठ भाजपा नेता गुलशन आनंद, दातागंज के पालिकाध्यक्ष रहे राजीव गुप्ता, पूर्व आईएमए अध्यक्ष डा. प्रमेंद्र माहेश्वरी, डा. विमल भारद्वाज, अमित शर्मा, केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के पीआरओ ललित कुमार अवस्थी, डा. शैलेष चौहान, भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री के सहायक सौरभ श्रीवास्तव, पूरनलाल लोधी, भाजपा के प्रदेश सह कोषाध्यक्ष संजीव अग्रवाल, महानगर प्रचारक विक्रांत, वेदांत राजपूत, एसके अग्रवाल, डा. एचके प्रेमी आदि मौजूद रहे।
स्वर्ण पदक जीतने वाले छात्र-छात्राओं ने कही सोने सी बातें
बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में चार छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल से नवाजा गया। गोल्ड मेडल पाने वाले इन छात्र-छात्राओं ने सोने की तरह खरी और अनमोल बातें कही। इसमें किसी डॉक्टर ने समाजसेवा करने के लिए अपने पेशे का उपयोग करने तो किसी ने अपने पेशे से महिला स्वास्थ्य के लिए बेहतर करने इच्छा जताई। आइये, जानते हैं, इन स्वर्ण पदक विजेताओं के विचार।
हर महिला को मिलें स्वास्थ्य सेवाएं : डा. शिविका
एमएस गायनी में गोल्ड मेडल जीतने वाली डॉ. शिविका गुप्ता ने बताया कि वह जम्मू-कश्मीर से हैं और डॉक्टर बनने के लिए बरेली आई थीं। मेरा मकसद है कि हर महिला को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं। लिहाजा इस दिशा में काम करते हुए वीमेन हेल्थ केयर को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती हूं।
बेस्ट स्टूडेंट का खिताब मिलने से हुई बेहद खुशी : डा. दानिश
एमबीबीएस में गोल्ड मेडल जीतने वाले डॉ. दानिश मेहर ने कहा कि आज यह उपाधि पाकर काफी खुश हैं। उससे भी ज्यादा खुशी की बात है कि उन्हें बेस्ट स्टूडेंट का खिताब दिया गया। बरेली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करना अपने आप में सौभाग्य की बात है। इसके लिए वह विश्वविद्यालय की फैकल्टी का शुक्रिया अदा करते हैं, साथ ही समाज हित में कार्य करेंगे।
परिवार और फैकल्टी को जताना चाहूंगी आभार : सानिया
डेंटल चिकित्सा में गोल्ड मेडल जीतने वाली डॉ. सानिया जिया ने बताया कि इस उपलब्धि के लिए परिवार वालों और विश्वविद्यालय की फैकल्टी का शुक्रिया अदा करना चाहेंगी, क्योंकि उनकी वजह से आज एक डॉक्टर के रूप में अपना काम करने का मौका मिलने जा रहा है और वह समाज और देशहित में बेहतर काम करेंगीं।
