संभल: मृतकों का बीमा कराकर क्लेम हड़पने वाले गिरोह के 6 सदस्य गिरफ्तार, आशा वर्कर भी शामिल

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Published By Vikas Babu
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संभल, अमृत विचार। संभल जिले की रजपुरा और गुन्नौर थाना पुलिस ने संयुक्त रूप से गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीजों का फर्जी बीमा पॉलिसी कर क्लेम की धनराशि हड़पने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इनमें एक आशा भी शामिल है। पकड़े गए गिरोह के सदस्यों से पुलिस ने विभिन्न बैंकों की पासबुक, चेक बुक, डेबिट कार्ड, आधार कार्ड समेत कई दस्तावेज बरामद किए हैं। पुलिस ने गिरफ्तार किए गिरोह के सदस्यों का चालान कर दिया।

एएसपी उत्तरी कार्यालय में एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि पुलिस ने फर्जी बीमा पॉलिसी करने वाले शाहरुख खान निवासी भईयापुर थाना धनारी, हीरेंद्र कुमार निवासी मेहुआ हसनगंज थाना रजपुरा, संजू उर्फ रूपकिशोर निवासी धनारी स्टेशन धनारी, प्रेमपाल निवासी बबराला थाना गुन्नौर, प्रेम सिंह यादव निवासी रजापुर थाना रजपुरा और आशा नीलम पत्नी दानवीर निवासी बाहौर थाना डिबाई बुलंदशहर को गिरफ्तार किया गया है। 

इनके कब्जे से इंडियन बैंक, उज्जीवन बैंक, उत्कर्ष बैंक, पेटीएम बैंक, फिनो बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बंधन बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक की 81 पासबुक, 16 चेक बुक, 35 डेबिट कार्ड, 18 पेन कार्ड, 51 बीमा पॉलिसी क्लेम फार्म, 31 मृत्यु प्रमाण पत्र, 17 बीमा पॉलिसी बांड, 12 फोटो कॉपी बीमा पॉलिसी, 2 लैपटाप, 5 मोबाइल, 7 सिम, वभिन्न बैंकों की 18 सील मोहर, 1 मेट्रो ट्रेन कार्ड, दो बैग बरामद किए हैं। बरामद अभिलेख राजस्थान, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल के रहने वाले लोगों हैं जो या तो खुद लाइफ एसार्ड हैं या उनके नॉमिनी हैं। 

बताया कि शाहरुख खान, हीरेंद्र और संजू उर्फ रूपकिशोर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में धोखाधड़ी कर धन उपार्जन करते थे। बताया कि आरोपी ऐसे परिवारों की तलाश में रहते थे जिनमें किसी व्यक्ति की कैंसर, टीबी या अन्य बीमारी के कारण जल्द मृत्यु होने वाली हो। चिह्निकरण में आशा व आंगनबाड़ी वर्कर भी इनकी सहायता करती थी। जिसका अपना कमीशन रहता था।

 चिह्निकरण के बाद संबंधित का बैंक में खाता खुलवाया जाता है। उसकी पासबुक आरोपी अपने पास रखते थे। मृत्यु के बाद क्लेम फार्म के साथ पासबुक की जरूरत होती है। जिससे यह दिखाया जा सके कि प्रीमियम का भुगतान किया गया है। लाइफ एसार्ड के साथ-साथ नॉमिनी का खाता भी खुलवाया जाता है। जिसकी पासबुक, डेबिट कार्ड आदि आरोपी अपने पास रखते हैं। अधिकतर प्रकरणों में नॉमिनी का खाता मृत्यु के बाद खुलवाया जाता है।

इस तरह तैयार किए फर्जी प्रमाण पत्र
पुलिस के अनुसार, त्रिलोक कुमार पुत्र खेमचंद निवासी 15/4 शक्तिनगर नियम ईएसआई डिस्पेंशरी नई दिल्ली के संबंध में कई अभिलेख मिले। जिसमें निगम बोध शमशान घाट की 350 रुपये की उपले की रसीद, निगम बोध शमशान घाट यमुना नगर दिल्ली 2100 रुपये की अन्य पर्ची, एमसीडी दिल्ली की शमशान/कब्रिस्तान की रसीद जिसमें मृत्यु की तिथि 19 जून 2024 और मृत्यु का कारण कैंसर अंकित है। दाह संस्कार की तिथि 20 जून 2024 है।

 राजीव गांधी कैंसर इंस्टीटयूट की इमरजेंसी ट्रीटमेंट समरी दिनांक 15 जून 2024 जिसमें मरीज त्रिलोक कुमार को सरकारी अस्पताल रेफर किया गया है। गोविंद वल्लभ पंत स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान का मृत्यु प्रमाण पत्र जिसमें मृत्यु की तिथि 21 दिसंबर, मृत्यु का कारण भी है। मृतक के शव को भाई अनिल कुमार ने प्राप्त किया दर्शाया है। एमसीडी दिल्ली द्वारा जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में मृत्यु की तिथि 27 दिसंबर 2024 है। गोविंद वल्लभ पंत स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान में त्रिलोक कुमार के उपचार संबंधी प्रपत्र जिनमें 27 दिसंबर 2024 अंकित है। 

त्रिलोक कुमार की मृत्यु के बाद बंधन लाइफ पॉलिसी और इडिलवाइस लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी कराई गई। अभिलेखों से स्पष्ट है कि त्रिलोक कुमार की वास्तविक मृत्यु तिथि 19 जून है। गिरोह के सदस्यों ने मृत्यु के बाद इडिलवाइस लाइफ इंश्योरेंस जीवन बीमा कराया। गोविंद वल्लभ पंत स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान के फर्जी प्रपत्र भी तैयार कराए गए। एमसीडी दिल्ली का मृत्यु प्रमाण भी तैयार कराया। जिससे जीवन बीमा का धोखाधड़ी से लाभ लिया जा सके। 

पुलिस ने सौराज पुत्र मोमराज निवासी मकान नंबर 10 पूजा कॉलोनी, लोनी देहात गाजियाबाद के मामले में भी जानकारी देकर बताया। बताया कि गिरोह के सदस्यों द्वारा न सिर्फ मृत लोगों का बीमा कराया जाता है बल्कि मृत लोगों का हृदय घात का उपचार दिखाते हुए प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल संस्थानों के फर्जी प्रपत्र भी तैयार कराए जाते हैं। फर्जी प्रपत्रों के आधार पर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार करते हुए विभिन्न पॉलिसी कंपनियों के साथ धोखाधड़ी की जा रही है।

गिरोह के सदस्यों को उपलब्ध कराते थे सिम कार्ड
संभल, अमृत विचार : पुलिस ने बताया कि प्रेमपाल और प्रेम सिंह यादव मोबाइल कंपनी के एजेंट हैं। दोनों धोखाधड़ी से या लोगों को लाभ देकर उनके नाम पर सिम कार्ड जारी करते थे और गिरोह के सदस्यों को उपलब्ध कराते थे। सिम कार्ड के मोबाइल नंबर को नॉमिनी का खाता खुलवाते समय नॉमिनी के मोबाइल नंबर के रूप में अंकित करते थे ताकि बैंक संबंधी ट्रांजक्शन के फोन कॉल व मैसेज इन्हीं सिम पर आयें जो गिरोह के सदस्यों के पास हैं। इसी कारण पॉलिसी के नॉमिनी को इसकी जानकारी नहीं होती थी कि किस बैंक में उसका खाता खुला है कब पॉलिसी के पैसे आये और कब निकाले गये।

आशा वर्कर देती थी मरीजों की सूचना
संभल, अमृत विचार : पुलिस पूछताछ में गिरोह के सदस्यों ने बताया कि कैंसर या अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित लोगों की सूचना देने में आशा वर्कर नीलम उनकी सहायता करती थी। इसके बदले में पॉलिसी क्लेम का हिस्सा लेती थी। मुकदमे की वादी सुनीता पत्नी स्व.सुभाष निवासी भीमपुर थाना डिबाई ने बताया कि गिरोह के सदस्यों से आशा वर्कर नीलम में न ही उन्हें मिलाया था। उनके आधार कार्ड व पेन कार्ड लिए थे। बाद में 20 हजार रुपये सुनीता को नीलम ने दिए थे। नीलम बाधौर की आशा है जो सुनीता के गांव से 8 किलोमीटर दूर है।

पुलिस टीम को 50 हजार का इनाम
संभल, अमृत विचार : एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई, एएसपी दक्षिणी अनुकृति शर्मा के कुशल निर्देशन में सीओ गुन्नौर दीपक कुमार के नेतृत्व में थाना रजपुरा पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर गिरोह के चार सदस्यों और गुन्नौर पुलिस ने दो सदस्यों को गिरफ्तार किया। टीम में प्रभारी निरीक्षक रजपुरा हरीश कुमार, थानाध्यक्ष गुन्नौर अखिलेश कुमार प्रधान, दो पुरुष उपनिरीक्षक, एक महिला उपनिरीक्षक और छह कांस्टेबिल शामिल रहे। पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि गिरोह को पकड़ने वाली पुलिस टीम को 50 हजार का इनाम दिया जायेगा।

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