बरेली: कोरोना ने चौबारी में आस्था की डुबकी पर लगाया विराम

अमृत विचार, बरेली। कोरोना संक्रमण दोबारा फैलने की आशंका ने अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। सतर्कता बरतते हुये प्रशासनिक अधिकारी कोविड नियमों का पालन कराने के लिए गंभीर हो गये हैं। कोरोना ने बड़े धार्मिक आयोजन पर भी विराम लगा दिया है। 93 साल से आस्था का केंद्र बने चौबारी के रामगंगा घाट …

अमृत विचार, बरेली। कोरोना संक्रमण दोबारा फैलने की आशंका ने अधिकारियों को चिंता में डाल दिया है। सतर्कता बरतते हुये प्रशासनिक अधिकारी कोविड नियमों का पालन कराने के लिए गंभीर हो गये हैं। कोरोना ने बड़े धार्मिक आयोजन पर भी विराम लगा दिया है। 93 साल से आस्था का केंद्र बने चौबारी के रामगंगा घाट पर 30 नवंबर को श्रद्धालु आस्था की डुबकी नहीं लगा सकेंगे। जिला मजिस्ट्रेट नितीश कुमार ने शनिवार को चौबारी पर मेला लगाने और रामगंगा नदी में स्नान करने पर पूर्णत: रोक लगाने के आदेश जारी कर दिये। घोड़ा बाजार लगने वाले स्थल से लेकर रामगंगा नदी के दोनों छोरों पर पुलिस का सख्त पहरा रहेगा। प्रशासनिक अधिकारी भी तैनात रहेंगे।

जिला मजिस्ट्रेट नितीश कुमार ने आदेश जारी करते हुये कहा है कि इस वर्ष भी धार्मिक कार्यक्रम (कार्तिक पूर्णिमा) 30 नवंबर को पड़ रही है। तहसील सदर के तहत स्थित ग्राम चौबारी में हर साल एक विशाल मेला लगता है, जिसमें पांच से सात लाख श्रद्धालुओं की भीड़ एकत्रित होती है। इस बार भी इतनी भीड़ एकत्र हो सकती है। जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी स्थिति में कोविड-19 के दिशा-निर्देशों के अनुसार इतने बड़े धार्मिक मेले का आयोजन किया जाना सम्भव नहीं है। चौबारी कार्तिक पूर्णिमा का मेला आयोजित करने पर राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 के निर्धारित निर्देशों का उल्लंघन होने की प्रबल संभावना है।

ऐसी स्थिति में चौबारी कार्तिक पूर्णिमा मेला को आयोजित न करने के लिये 29 नवम्बर को सुबह 8 बजे से 1 दिसम्बर की रात्रि 8 बजे तक रामगंगा नदी के दोनों ओर (इस पार व उस पार) यथास्थिति बनाये रखने को पुलिस तैनात रहेगी। पशु बिक्री स्थलों पर 28 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक किसी भी प्रकार के पशुओं के क्रय/विक्रय करने पर पूर्णत: रोक लगायी गयी है। प्रसाद, फूल और माला आदि सहित किसी भी प्रकार की दुकानें नहीं लगा सकेंगे।

28 नवंबर से 2 दिसंबर तक पुलिस बल करें तैनात
जिलाधिकारी ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर ग्राम चौबारी के तहत पूर्व मेला स्थलों पर 28 नवंबर से 2 दिसंबर तक आवश्यक पुलिस बल तैनात करें। किसी प्रकार के पशुओं की खरीद-फरोख्त नहीं होने दें। रामगंगा नदी के इस पार व उस पार सर्कस, झूला, प्रसाद व फूल माला आदि सहित किसी भी प्रकार की दुकानें न लगाने दें। कोई श्रद्धालु स्नान न कर पाए, इसके लिये आवश्यक पुलिस व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं।

लेखपालों संग तहसीलदार भी रहेंगे मुस्तैद
चौबारी मेला न लगाने के आदेश होने के बाद तहसीलदार सदर आशुतोष गुप्ता ने भी अपनी तैयारी कर ली है। उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल और राजस्व निरीक्षक को अलर्ट कर दिया है। तहसीलदार सदर का कहना है कि 30 नवंबर को मुख्य स्नान वाले दिन वह भी प्रशासनिक व्यवस्था का पालन कराने के लिये मुस्तैद रहेंगे।

आजादी के बाद पहली बार आया है ऐसा मौका
देश की आजादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि श्रद्धालु कार्तिक पूर्णिमा पर रामगंगा में स्नान नहीं कर सकेंगे। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। मेला न लगने देने की बात कई दिन पहले ही सामने आ गयी थी लेकिन शनिवार को स्नान करने पर भी रोक लगने से लोगों में निराशा है। इस मेले का लोग हर साल इंतजार करते हैं। विभिन्न प्रकार की चीजें खरीदने के लिये लोग पहले से तैयारी कर लेते हैं लेकिन इस बार कोरोना ने सबकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

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