जमीन के लिए अपहरण, धमका कर दस्तावेज पर कराए हस्ताक्षर

Amrit Vichar Network
Published By Pawan Singh Kunwar
On

हल्द्वानी, अमृत विचार : अनुसूचित जाति के परिवार की जमीन हथियाने के लिए कुछ लोगों ने एक बड़ी वारदात को अंजाम दे डाला। जमीन आरोपियों के नाम करने से इंकार करने पर आरोपियों ने परिवार को अपहरण कर लिया। उन्हें जान से मारने की धमकी दी और कई दस्तावेजों पर उनके हस्ताक्षर करा लिए। परिवार मामले की शिकायत लेकर एसएसपी के पास पहुंचा। एसएसपी के निर्देश पर हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। 


 हरिपुर जमन सिंह निवासी धर्मेन्द्र सिह पुत्र राम सिंह ने एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा को बताया कि हरिपुर फुटकुआं में उनके और उनके परिवार की जमीन 8 बीघा जमीन थी। धर्मेंद्र का कहना है कि उसका गंगा सिंह खेतवाल, महिपाल डसीला और वीर सिंह उर्फ टोनी के बीच 8 बीघा भूमि को लेकर समझौता हुआ था। 8 बीघा जमीन में से 5 बीघा भूमि का रुपया धर्मेंद्र को मिल गया। धर्मंद्र ने बेची गई 5 बीघा भूमि गंगा सिंह खेतवाल, महिपाल डसीला और वीर सिंह के नाम कर दी। धर्मेंद्र का कहना है कि उनके बीच जो समझौता हुआ था वो एक साल पहले ही खत्म हो चुका है। समझौते में तय हुआ था कि बाकी बची 21000 फिट भूमि की रजिस्ट्री हरिपुर फुटकुआं निवासी सरबप्रीत सिंह कोहली पुत्र हरजीत सिंह के नाम होगी। धर्मेंद्र का कहना है कि इस पर दोनों पक्षों की सहमति भी थी, लेकिन बाद में आरोपियों ने उक्त भूमि की रजिस्ट्री और बैनामा वीर सिंह उर्फ टोनी के नाम पर कराने का दबाव बनाने लगे। 
       

आरोपी है कि जब धर्मेंद्र और उसके परिवार ने इस बात से इंकार किया तो 29 जनवरी को आरोपियो ने उससे गाली-गलौज की और उसे गिरेबां से पकड़ कर खींचा। बिना नंबर की काले रंग की स्कॉर्पियो में धर्मेंद्र और उसके परिवार का अपहरण कर लिया। आरोपी सभी को स्कॉर्पियो में डालकर उप निबन्धक कार्यालय ले गए। कुछ रजिस्ट्री और बैनामा के स्टाम्प पेपर व अन्य दस्तावेज में किसी अन्य व्यक्ति के घर पर ले जाकर जबरन हस्ताक्षर कराए। इससे इंकार करने पर उक्त भू माफिया ने धर्मेंद्र और उसके परिवार को गोली मारने की धमकी दी। कोतवाल राजेश कुमार यादव ने बताया कि पीड़ित की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी गई है। 


अगले ही दिन उप निबंधक कार्यालय में की शिकायत
हल्द्वानी : धर्मेंद्र का कहना है उनका और उनके परिवार का अपहरण इसी वर्ष 29 जनवरी को किया गया। आरोपियों ने जबरन रजिस्ट्री और बैनामा के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर कराए। जिसके अगले ही दिन 30 जनवरी को वह उप निबंधक कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने अधिकारियों को बताया कि वह और उनके सहखातेदार परिवार के लोग उक्त भूमि की रजिस्ट्री और बैनामा नहीं कराना चाहते। साथ ही बताया कि आरोपी जबरन रजिस्ट्री कराना चाहते हैं। उप निबंधक कार्यालय में उन्होंने इसकी लिखित शिकायत की है।

संबंधित समाचार