लखीमपुर खीरी: भाजपा जिलाध्यक्ष पद के लिए 47 दावेदार, प्रदेश परिषद सदस्य के लिए 20 ने भरा नामांकन
लखीमपुर खीरी, अमृत विचार: भाजपा के जिलाध्यक्ष और प्रदेश परिषद सदस्य पद के लिए रविवार को पार्टी कार्यालय पर नामांकन प्रक्रिया हुई। इसमें कुल 67 लोगों ने आवेदन किया। इनमें 47 लोगों ने जिलाध्यक्ष पद के लिए तो 20 लोगों ने प्रदेश परिषद सदस्य के लिए आवेदन पत्र दाखिल किए। जिलाध्यक्ष का ताज पहनने की दौड़ में वर्तमान जिलाध्यक्ष से लेकर नगर अध्यक्ष सहित अन्य पार्टी पदाधिकारी शामिल हैं। इतने आवेदनों में से जिलाध्यक्ष का चुनाव करना प्रदेश नेतृत्व के लिए चुनौती होगी। हालांकि, आवेदन प्रक्रिया के बाद अब सबकी निगाहें लखनऊ में बैठे अपने आकाओं की ओर हैं।
जिले का भाजपा जिलाध्यक्ष बनने के लिए रविवार को सुबह से ही देवकली रोड स्थित पार्टी कार्यालय पर दावेदारों का पहुंचना शुरू हो गया। दोपहर करीब 12 बजे जिला चुनाव अधिकारी श्रीराम चौहान के पहुंचने के बाद आवेदन पत्र वितरित होने लगे। दोपहर बाद तक जिलाध्यक्ष पद के लिए 47 और प्रदेश परिषद पद के लिए 20 पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने नामांकन पत्र भरकर जमा किए।
हालांकि, इस बार जिलाध्यक्ष का चुनाव काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि दो बार के जिलाध्यक्ष सुनील सिंह ने फिर से अपनी दावेदारी पेश की है। इनके अलावा भाजपा जिला उपाध्यक्ष, नगर अध्यक्ष से लेकर अन्य संगठनों के पदाधिकारी भी जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में शामिल हैं। इस दौरान जिला चुनाव पर्यवेक्षक एमएलसी एवं प्रदेश महामंत्री सुभाष चंद्र, सहायक चुनाव अधिकारी सुरजन लाल वर्मा, सदर विधायक योगेश वर्मा, जिला क्रय-विक्रय अध्यक्ष रामजी दीक्षित, ब्लॉक प्रमुख नकहा पवन गुप्ता सहित तमाम मंडल अध्यक्ष व जिला प्रतिनिधि मौजूद रहे।
डेढ़ महीने से अटकी थी सूची
भाजपा के जिलाध्यक्षों की सूची मंत्रियों, विधायकों, सांसदों और बड़े नेताओं की पसंद-नापसंद के चक्कर में अटक गई थी। चुनाव प्रक्रिया 10 जनवरी तक पूरी होनी थी और सूची 15 जनवरी तक जारी होना तय था। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, एलान किया गया था कि चुनाव में उन कार्यकर्ताओं को तरजीह दी जाएगी, जो शुद्ध रूप से भाजपा या संघ परिवार के कार्यकर्ता रहे हैं।
साथ ही संगठन चुनाव में मंत्री, नेता या विधायक की सिफारिश नहीं चलेगी। जमीनी स्तर पर फीडबैक जुटाकर नाम तय किए जाएंगे। तय समयसीमा में चुनाव कराने के लिए चुनाव अधिकारियों ने समय सारिणी भी जारी की थी, लेकिन शिकायतें आने लगीं तो सूची रोक दी गई थी। अब नामांकन कराया गया है।
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