कानपुर आईआईटी में बनेगा जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन, संस्थान की ओर से गृह मंत्रालय के साथ किया गया समझौता

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Published By Deepak Shukla
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कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर में जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन बनेगा। इसके लिए संस्थान की ओर से गृह मंत्रालय के साथ समझौता किया गया है। प्रदेश में यह स्टेशन स्थापित करने वाला आईआईटी तीसरा केंद्रीय विश्वविद्यालय बन गया। इस सेंटर में शिक्षक, शोधकर्ता व छात्र जनगणना संबंधी शोध कार्य आसानी से कर सकेंगे। 

एमओयू पर आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल और भारत सरकार की जनगणना संचालन और नागरिक पंजीकरण निदेशक शीतल वर्मा ने हस्ताक्षर किए। एमओयू पर हस्ताक्षर के बाद आईआईटी कानपुर उत्तर प्रदेश का पहला प्रौद्योगिकी संस्थान और राज्य में जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन स्थापित करने वाला तीसरा केंद्रीय विश्वविद्यालय या संस्थान बन गया। 

इससे पहले प्रदेश में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय में यह सुविधा मौजूद है। आईआईटी कानपुर में स्थापित जनगणना डेटा रिसर्च वर्कस्टेशन ने शोधकर्ताओं को डिजिटल प्रारूप में 1991 से 2011 तक प्रकाशित जनगणना संबंधी सभी तरह के आंकड़े मौजूद रहेंगे। आईआईटी निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने इसे शोध को बढ़ाने वाला कार्य बताया। यह भी कहा कि आंकड़ों से होने वाले शोध से नीति विकास को सहायता मिलेगी। 

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